पुनरुक्ति अलंकार: परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
पुनरुक्ति अलंकार क्या है?
पुनरुक्ति अलंकार हिंदी काव्य का एक प्रमुख शब्दालंकार है जिसमें एक ही शब्द या शब्द समूह की पुनरावृत्ति से काव्य में लय और सौंदर्य उत्पन्न किया जाता है। यह अलंकार काव्य को संगीतमय और प्रभावशाली बनाता है।
पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा
“जहाँ एक ही शब्द या शब्द समूह की बार-बार आवृत्ति से काव्य में विशेष प्रभाव उत्पन्न हो, वहाँ पुनरुक्ति अलंकार होता है।”
पुनरुक्ति अलंकार की विशेषताएँ:
- शब्दों या वाक्यांशों की पुनरावृत्ति
- काव्य में लय और संगीतात्मकता उत्पन्न करना
- भावों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करना
- काव्य को यादगार बनाना
- पाठक पर स्थायी प्रभाव छोड़ना
पुनरुक्ति अलंकार के प्रकार
- शुद्ध पुनरुक्ति
- विवर्ती पुनरुक्ति
शुद्ध पुनरुक्ति
- जब एक ही शब्द की बार-बार आवृत्ति हो।
उदाहरण:
- बार-बार बारिश हो रही है
विवर्ती पुनरुक्ति
- जब थोड़े बदले हुए रूप में शब्द की पुनरावृत्ति हो।
उदाहरण:
- धीरे-धीरे धीमे स्वर में
अन्य उदाहरण
- धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय
- जाते-जाते वह मुड़कर देखता रहा
- बार-बार याद आता है वह प्यारा सा चेहरा
- रात-दिन रात-दिन वह उसी की याद में खोया रहता है
- गाते-गाते वह मस्त हो गया
- हँसते-हँसते उसके आँसू निकल आए
- चलते-चलते वह थक गया
- सोचते-सोचते उसका सिर दर्द करने लगा
- प्यार-प्यार में वह सब कुछ भूल गया
- देखते-देखते वह सुंदर हो गया
पुनरुक्ति अलंकार का महत्व
- यह काव्य को संगीतमय और लयबद्ध बनाता है
- यह भावों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है
- यह काव्य को यादगार बनाता है
- पाठक पर स्थायी प्रभाव छोड़ता है
- काव्य सौंदर्य को बढ़ाता है
विशेषता | पुनरुक्ति | अनुप्रास |
---|---|---|
प्रकृति | शब्दों की पूर्ण पुनरावृत्ति | वर्णों की पुनरावृत्ति |
उद्देश्य | लय और संगीतात्मकता | ध्वनि सौंदर्य |
उदाहरण | धीरे-धीरे रे मना | तरनि तनूजा तट तमाल |
निष्कर्ष
- पुनरुक्ति अलंकार हिंदी काव्य का एक मूलभूत अलंकार है जो शब्दों की पुनरावृत्ति के माध्यम से कविता को संगीतमय और प्रभावशाली बनाता है।
- यह कवियों द्वारा भावों को तीव्रता से व्यक्त करने के लिए सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला अलंकार है।