26 June 2025

विरोधाभास अलंकार क्या है? जानिए इस रोचक अलंकार की पूरी जानकारी उदाहरण सहित

विरोधाभास अलंकार: परिभाषा, विशेषताएं और उदाहरण

Home | हिन्दी व्याकरण

विरोधाभास अलंकार क्या है?

  • विरोधाभास अलंकार हिंदी काव्य का एक विशेष अर्थालंकार है जिसमें दो विरोधी अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग करके एक नया, गहन और चमत्कारिक अर्थ उत्पन्न किया जाता है।
  • यह अलंकार काव्य को विशिष्ट गहराई प्रदान करता है।

विरोधाभास अलंकार की परिभाषा

“जहाँ विरोधी अर्थ वाले शब्दों के प्रयोग से एक नया, गहन और सार्थक अर्थ उत्पन्न हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।”

विरोधाभास अलंकार की मुख्य विशेषताएं:

  • विपरीत अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग
  • सतही तौर पर विरोधी लेकिन गहरे अर्थ में सार्थक
  • चमत्कारिक अर्थ की उत्पत्ति
  • काव्य को गहराई और विशिष्टता प्रदान करना
  • पाठक को चिंतन के लिए प्रेरित करना

विरोधाभास अलंकार के प्रमुख उदाहरण:

“अंधकार ही प्रकाश है”

  • (सतही विरोध लेकिन गहरा आध्यात्मिक अर्थ)

“मौन ही मेरा संवाद है”

  • (चुप्पी में भी संवाद का भाव)

“विरह में ही मिलन का आनंद”

  • (विरोधी भावों का सामंजस्य)

“जीत में हार छिपी है”

  • (जीत के पीछे छिपी हार का भाव)

“रोकर हँसना सीखा है”

  • (विरोधी भावों का एक साथ प्रयोग)

विरोधाभास अलंकार साहित्यिक महत्व:

  • यह काव्य को गहराई और विशिष्टता प्रदान करता है
  • यह पाठक को चिंतन के लिए प्रेरित करता है
  • यह जीवन के गहन सत्यों को व्यक्त करता है
  • यह काव्य को यादगार और प्रभावशाली बनाता है
  • साधारण को असाधारण ढंग से प्रस्तुत करता है

विरोधाभास अलंकार vs उत्प्रेक्षा अलंकार

विशेषता विरोधाभास अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार
प्रकृति विरोधी शब्दों से अर्थ समानता का आभास
उद्देश्य गहन सत्य प्रकट करना कल्पना व्यक्त करना
उदाहरण अंधकार ही प्रकाश है मनु चंद्रमा है

निष्कर्ष:

  • विरोधाभास अलंकार हिंदी काव्य की एक अनूठी शैली है जो विपरीत शब्दों के माध्यम से जीवन के गहन सत्यों को प्रकट करती है।
  • यह कवियों द्वारा दार्शनिक विचारों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है और काव्य को विशिष्ट गहराई प्रदान करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!