दीर्घ संधि: परिभाषा, नियम, प्रकार और उदाहरण | दीर्घ संधि के 100 उदाहरण | Deergh Sandhi

Home | हिन्दी व्याकरण

दीर्घ संधि: परिभाषा, नियम और उदाहरण – हिंदी व्याकरण का संपूर्ण ज्ञान

  • दीर्घ संधि हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, राज्य PSCs, शिक्षक भर्ती) में अक्सर पूछा जाता है।
  • यह स्वर संधि का प्रकार है जहाँ दो स्वरों के मेल से दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ) बनता है। आइए, इसके नियमों, प्रकारों और उदाहरणों को विस्तार से समझें।

दीर्घ संधि:-

सूत्र:-   अक: सवर्णे दीर्घ:

  • अर्थात् अक् प्रत्याहार के बाद उसका सवर्ण आये तो दोनो मिलकर दीर्घ बन जाते हैं।

दीर्घ संधि: परिभाषा और नियम

  • ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई और ऊ हो जाते हैं।
  • जब दो स्वरों के मेल से दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ) बनता है, तो उसे दीर्घ संधि कहते हैं।

मुख्य नियम

  • इसके तीन मुख्य नियम हैं:

अ/आ  +   अ/आ  = आ

इ/ई     +   इ/ई     = ई

उ/ऊ   +   उ/ऊ   = ऊ

अ/आ + अ/आ = आ
  • जब पहला शब्द अ या आ से समाप्त हो और दूसरा शब्द अ या आ से शुरू हो, तो दोनों का मेल “आ” में हो जाता है।

उदाहरण:

  • विद्या + आलय = विद्यालय
  • महा + आत्मा = महात्मा
  • गंगा + अंब = गंगांब (गंगाम्ब)
इ/ई + इ/ई = ई
  • जब पहला शब्द इ या ई से समाप्त हो और दूसरा शब्द इ या ई से शुरू हो, तो दोनों का मेल “ई” में हो जाता है।

उदाहरण:

  • गिरि + इंद्र = गिरींद्र
  • नदी + इश = नदीश
  • प्रति + इक = प्रतीक
उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
  • जब पहला शब्द उ या ऊ से समाप्त हो और दूसरा शब्द उ या ऊ से शुरू हो, तो दोनों का मेल “ऊ” में हो जाता है।

उदाहरण:

  • भानु + उदय = भानूदय
  • वधू + उत्सव = वधूत्सव
  • अनु + उप = अनूप

दीर्घ संधि के विशेष उदाहरण

संधि शब्दसंधि रूपनियम
महा + अधिकारीमहाधिकारीअ + अ = आ
गुरु + उपदेशगुरूपदेशउ + उ = ऊ
सदा + आनंदसदानंदआ + आ = आ
भानु + उदयभानूदयउ + उ = ऊ
अनु + उपअनूपउ + उ =ऊ

परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रमुख बिंदु

1.  अपवाद स्थितियाँ:
  • कुछ शब्दों में दीर्घ संधि नहीं होती:
  • प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (यहाँ गुण संधि है)
  • सु + अच्छा = सुअच्छा (संधि नहीं)
2. विसर्ग की भूमिका:
  • विसर्ग (:) के बाद स्वर आने पर दीर्घ संधि हो सकती है:
  • निः + आकार = निराकार
3. संस्कृत vs हिंदी:
  • दीर्घ संधि मूलतः संस्कृत का नियम है, लेकिन हिंदी में भी प्रयुक्त होता है।

दीर्घ संधि vs गुण संधि में अंतर

पैरामीटरदीर्घ संधिगुण संधि
स्वरों का मेलसमान स्वरों का मेलअसमान स्वरों का मेल
परिणामदीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ)ए, ओ, अय्, आव्
उदाहरणविद्यालय (विद्या + आलय)सदैव (सदा + एव)

उदाहरण

अ/आ + अ/आ = आ

  • अ + अ = आ
  • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
  • अ + आ = आ
    हिम + आलय = हिमालय
  • अ + आ =आ
    पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
  • आ + अ = आ
    विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
  • आ + आ = आ
    विद्या + आलय = विद्यालय

इ और ई की संधि

इ + इ = ई
  • रवि + इंद्र = रवींद्र
  • मुनि + इंद्र = मुनींद्र
इ + ई = ई
  • गिरि + ईश = गिरीश
  • मुनि + ईश = मुनीश
ई + इ = ई
  • मही + इंद्र = महींद्र
  • नारी + इंदु = नारींदु
ई + ई = ई
  • नदी + ईश = नदीश
  • मही + ईश = महीश

उ और ऊ की संधि

उ + उ = ऊ
  • भानु + उदय = भानूदय
  • विधु + उदय = विधूदय
उ + ऊ = ऊ
  • लघु + ऊर्मि = लघूर्मि
  • सिधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि
ऊ + उ = ऊ
  • वधू + उत्सव = वधूत्सव
  • वधू + उल्लेख = वधूल्लेख
ऊ + ऊ = ऊ
  • भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व
  • वधू + ऊर्जा = वधूर्जा

परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स

1. नियमों को कंठस्थ करें:
  • अ/आ + अ/आ = आ
  • इ/ई + इ/ई = ई
  • उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
2. सामान्य उदाहरण याद रखें:
  • विद्या + आलय = विद्यालय
  • गिरि + इंद्र = गिरींद्र
  • भानु + उदय = भानूदय
3. संधि विच्छेद का अभ्यास करें:
  • महात्मा = महा + आत्मा
  • नदीश = नदी + इश
4. अपवादों पर ध्यान दें:
  • प्रत्यक्ष (प्रति + अक्ष) जैसे शब्दों में दीर्घ संधि नहीं होती।

पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)

प्रश्न. ‘महा + ईश’ का संधि रूप क्या होगा?

(UPTET)

(a) महेश

(b) महीश

(c) माहेश

(d) महइश

उत्तर: (a) महेश

प्रश्न: ‘विधि + इंद्र’ का संधियुक्त रूप क्या है?

(CTET)

(a) विधींद्र

(b) विधीइंद्र

(c) विध्यिंद्र

(d) विधीन्द्र

उत्तर: (a) विधींद्र

प्रश्न:  किस विकल्प में दीर्घ संधि है?

(MPPSC)

(a) सदाचार

(b) नीरस

(c) विद्यालय

(d) पर्यावरण

उत्तर: (c) विद्यालय

प्रश्न:   ‘भानु + उदय’ का संधि विच्छेद कौन-सा है?

(UP Police)

(a) भानू + उदय

(b) भानु + उदय

(c) भा + नूदय

(d) भानूदय

उत्तर: (b) भानु + उदय

प्रश्न ‘गुरु + उपदेश’ में कौन-सी संधि है?

(SSC CHSL)

(a) गुण संधि

(b) दीर्घ संधि

(c) वृद्धि संधि

(d) यण संधि

उत्तर: (b) दीर्घ संधि

निष्कर्ष

  • दीर्घ संधि हिंदी व्याकरण का आधारभूत टॉपिक है जिसमें नियम स्पष्ट और सरल हैं।
  • परीक्षा में इससे संबंधित प्रश्न सीधे नियमों और उदाहरणों पर आधारित होते हैं।
  • दीर्घ संधि की पहचान, संधि-विच्छेद और संधियुक्त शब्द बनाने का अभ्यास करके आप इस खंड में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
  • पिछले वर्षों के प्रश्नों का समावेश आपको परीक्षा पैटर्न समझने में मदद करेगा।

Social Media Page

 

Leave a comment

error: Content is protected !!