संधि: परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण – हिंदी व्याकरण की संपूर्ण गाइड
- यह हिंदी व्याकरण का मूलभूत और महत्वपूर्ण अध्याय है जो प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, CTET, राज्य PSCs) में अक्सर पूछा जाता है।
- यह दो शब्दों के मेल से नए शब्द बनाने की प्रक्रिया है।
- आइए, इसकी परिभाषा, प्रकारों, नियमों और उदाहरणों को विस्तार से समझें।
संधि किसे कहते हैं
- शब्दों के मेल को संधि कहते है
- पहले शब्द का अंतिम वर्ण और दूसरे शब्द का प्रथम वर्ण मिलकर संधि का निर्माण करते है
उदाहरण
- विद्या + आलय = विद्यालय
- सचिव + आलय = सचिवालय
- देव + आलय = देवालय
- सत् + जन = सज्जन
संधि के भेद
- इसके तीन प्रकार की होती हैं –
स्वर संधि
- दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार को स्वर संधि कहा जाता है
उदाहरण
- हिम + आलय = हिमालय
- मुनि + इंद्र = मुनींद्र
- विधु + उदय = विधूदय
स्वर संधि के प्रकार
- इसके संधि पांच प्रकार के होते है
- दीर्घ
- गुण
- वृद्धि
- यण
- आयदि
संधि | सूत्र | उदाहरण |
---|---|---|
दीर्घ | अ/आ + अ/आ = आ | महा + आत्मा = महात्मा |
गुण | अ/आ + इ/ई = ए | देव + इंद्र = देवेंद्र |
वृद्धि | आ + औ /औ | महा + औषधि = महौषध |
यण | इ/ई + अ/आ = य | प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष |
व्यंजन | त् + थ = त्थ | उत् + थान = उत्थान |
विसर्ग | विसर्ग(:) + क/ख = ष्क | निः + कपट = निष्कपट निः + कपट = निष्काम |
दीर्घ संधि
- अ + अ = आ
- अ + आ = आ
- आ + अ = आ
- आ + आ = आ
जैसे:-
- हिम + आलय = हिमालय
- देव + आलय = देवालय
- विद्या + आलय = विद्यालय
इ + इ = ई
- इ + ई = ई
- ई + इ = ई
- ई + ई = ई
जैसे:-
- रवि + इंद्र = रवींद्र
- मुनि + इंद्र = मुनींद्र
- गिरि + ईश = गिरीश
- मुनि + ईश = मुनीश
उ + उ = ऊ
- उ + ऊ = ऊ
- ऊ + उ = ऊ
- ऊ + ऊ = ऊ
जैसे:-
- भानु + उदय = भानूदय
- विधु + उदय = विधूदय
गुण संधि
- अ + इ = ए
जैसे:-
- नर + इंद्र = नरेंद्र
- हिम + ईश = हिमेश
वृद्धि संधि
- अ + ए = ऐ
जैसे:-
- एक + एक = एकैक
- सदा + एव = सदैव
यण संधि
- सु + आगत = स्वागत
- अनु + एषण = अन्वेषण
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
आयदि संधि
- ने + अन = नयन
- पो + अन = पवन
- पौ + अक = पावक
- नौ + इक = नाविक
व्यंजन संधि
- दो व्यंजन या स्वर और व्यंजन या व्यंजन और स्वर के मेल से होने वाले विकार को व्यंजन संधि कहा जाता है
उदाहरण
- परा + क्रम = पराक्रम
- दिक् + गज = दिग्गज
- वाक् + मय = वाङ्मय
- वाक् + दान = वाग्दान
- ऋग् + वेद =ऋग्वेद
- जगत् + ईश = जगदीश
- जगत् + नाथ = जगन्नाथ
- अच् + अन्त = अजन्त
- उत् + घाटन = उद्घाटन
- अप् + द = अब्द
- सम् + ज्ञा = संज्ञा
- सम् + विधान = संविधान
- सम् + जय = संजय
- अलम् + कार = अलंकार
विसर्ग संधि
- जब विसर्ग(:) के बाद स्वर या व्यंजन आये तो विसर्ग संधि होता है
उदाहरण
- पुर: + कार = पुरस्कार
- मनः + बल = मनोबल
- निः + धन = निर्धन
- नि: + तेज = निस्तेज
- निः + रस = नीरस
- निः + आशा = निराशा
- नि: + गुण = निर्गुण
- नि: कपट = निष्कपट
- नि: फल = निष्फल
- निः + छल = निश्छल
- निः + कपट = निष्कपट
अपवाद
- दु: ख = दुःख
संधि का महत्व
- यह न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं बल्कि भाषा की प्रवाहमयता के लिए आवश्यक है।
- यह शब्दों के उच्चारण को सरल बनाती है
- यह हिंदी साहित्य की समझ बढ़ाती है
- CTET/UPTET जैसी शिक्षक परीक्षाओं में 4-5 प्रश्न पूछे जाते हैं
परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स
1. मुख्य नियम याद रखें:
स्वर संधि:
- स्वर + स्वर = नया स्वर
व्यंजन संधि:
- व्यंजन + व्यंजन = नया व्यंजन
विसर्ग संधि:
- विसर्ग + वर्ण = परिवर्तन
2. 50 प्रमुख उदाहरण कंठस्थ करें:
दीर्घ:
- विद्यालय
- भानूदय
गुण:
- चंद्रोदय
- महेश
विसर्ग:
- निराश
- दुष्कर्म
3. संधि विच्छेद का दैनिक अभ्यास करें:
- निस्तार = निः + तार
- सज्जन = सत् + जन
4. झूठे विकल्पों से सावधान:
- प्रतिअक्ष (गलत), प्रत्यक्ष (सही)
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
1. विसर्ग संधि के विशेष नियम:
- निः + रस = नीरस (विसर्ग लुप्त)
- निः + आहार = निराहार (विसर्ग → र्)
2. अपवाद स्थितियाँ:
- प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (यण संधि)
- सु + अच्छा = सुअच्छा (संधि नहीं)
3. संधि विच्छेद तकनीक:
- शब्द में परिवर्तन बिंदु खोजें (जैसे “त्त”, “द्ध”, “ष्क”)
- विद्यार्थी = विद्या + अर्थी (अयादि संधि)
पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)
Que. ‘महा + ऐश्वर्य’ में कौन-सी संधि है?
(CTET 2022)
(a) दीर्घ संधि
(b) गुण संधि
(c) वृद्धि संधि
(d) यण संधि
उत्तर: (c) वृद्धि संधि
Que. ‘निः + छल’ का संधि रूप क्या है?
(SSC 2021)
(a) निश्छल
(b) निष्छल
(c) निच्छल
(d) नीछल
Que. ‘सम् + चय’ का सही संधि रूप क्या है?
(UP Police 2020)
(a) संचय
(b) सम्चय
(c) सञ्चय
(d) समचय
Que. ‘विद्या + अर्थी’ में संधि का प्रकार बताएँ।
(MPPSC 2021)
(a) स्वर संधि
(b) व्यंजन संधि
(c) विसर्ग संधि
(d) अयादि संधि
उत्तर: (d) अयादि संधि
Que. ‘उत् + हार’ का संधि रूप क्या है?
(SSC CHSL)
(a) उद्धार
(b) उत्थार
(c) उदहार
(d) उतहार
उत्तर: (a) उद्धार
निष्कर्ष
- यह हिंदी व्याकरण का आधारभूत टॉपिक है जिसमें नियम-आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
- स्वर, व्यंजन और विसर्ग संधि के नियमों को उदाहरणों सहित याद करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास और संधि-विच्छेद की नियमित प्रैक्टिस आपको किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता दिलाएगी।
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