स्वर संधि: परिभाषा, प्रकार और उदाहरण – हिंदी व्याकरण का संपूर्ण जाइड
- स्वर संधि हिंदी व्याकरण का मूलभूत अध्याय है जहाँ दो स्वरों के मेल से नया स्वर या वर्ण बनता है।
- यह प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, राज्य PSCs, CTET) में अक्सर पूछा जाता है।
- इस लेख में हम स्वर संधि के सभी प्रकारों को नियमों और उदाहरणों सहित समझेंगे।
स्वर संधि क्या है?
- जब दो स्वरों के मेल से नये स्वर का निर्माण होता है, तो उसे स्वर संधि कहते है
जैसे:-
- विद्या + आलय = विद्यालय
- महा + ईश = महेश
- विद्या + आलय = विद्यालय
- सचिव + आलय = सचिवालय
- देव + आलय = देवालय
- हिम + आलय = हिमालय
स्वर संधि की परिभाषा:-
- दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं।
स्वर संधि के प्रमुख प्रकार
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादि संधि
1. दीर्घ संधि
नियम:
- समान स्वरों का मेल → दीर्घ स्वर बनता है
अ/आ + अ/आ = आ
उदाहरण:
- विद्या + आलय = विद्यालय
इ/ई + इ/ई = ई
उदाहरण:
- नदी + इश = नदीश
उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
- भानु + उदय = भानूदय
2. गुण संधि
नियम:
- असमान स्वरों का मेल → गुण स्वर बनता है
अ/आ + इ/ई = ए
उदाहरण:
- देव + इंद्र = देवेंद्र
अ/आ + उ/ऊ = ओ
उदाहरण:
- चंद्र + उदय = चंद्रोदय
अ/आ + ऋ = अर्
उदाहरण:
- देव + ऋषि = देवर्षि
3. वृद्धि संधि
नियम:
- अ/आ + ए/ऐ/ओ/औ → ऐ/औ बनता है
अ/आ + ए/ऐ = ऐ
उदाहरण:
- महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
अ/आ + ओ/औ = औ
- महा + औषध = महौषध
4. यण संधि
नियम:
- इ/ई/उ/ऊ/ऋ + भिन्न स्वर → य/व/र् बनता है
इ/ई → य
उदाहरण:
- प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष
उ/ऊ → व
- अनु + अय = अन्वय
ऋ → र्
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
5. अयादि संधि
नियम:
- इ/ई/उ/ऊ/ऋ + अ/आ → य/व/र् बनता है
उदाहरण:
- नदी + अमृत = नद्यमृत
- साधु + आचरण = साध्वाचरण
प्रकार | स्वरों का मेल | परिणाम | उदाहरण |
---|---|---|---|
दीर्घ संधि | अ/आ + अ/आ | आ | विद्यालय |
गुण संधि | अ/आ + इ/ई | ए | देवेंद्र |
वृद्धि संधि | अ/आ + ओ/औ | औ | महौषध |
यण संधि | इ/ई + अ/आ | य | प्रत्यक्ष |
अयादि संधि | उ/ऊ + अ/आ | व | अन्वय |
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण नियम
1. विसर्ग संधि के साथ संयोजन:
- निः + आकार = निराकार (दीर्घ संधि)
- निः + ऐश्वर्य = निरैश्वर्य (वृद्धि संधि)
2. अपवाद स्थितियाँ:
- प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (यण संधि)
- परम + ओजस्वी = परमोजस्वी (गुण संधि)
3. संधि विच्छेद तकनीक:
- शब्द में दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ) खोजें → दीर्घ संधि
- ए/ओ/ऐ/औ की उपस्थिति → गुण/वृद्धि संधि
परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स
1. नियम याद रखें:
दीर्घ:-
- समान स्वर → दीर्घ रूप
गुण:-
- अ/आ + इ/उ → ए/ओ
वृद्धि:-
- अ/आ + ए/ओ → ऐ/औ
2. मुख्य उदाहरण कंठस्थ करें:
दीर्घ:
- विद्यालय, महात्मा आदि
गुण:-
- देवेंद्र, चंद्रोदय आदि
यण:-
- प्रत्यक्ष, अन्वय आदि
3. संधि विच्छेद का अभ्यास:
- महौषध = महा + औषध
- पित्राज्ञा = पितृ + आज्ञा
4. विज्ञापनों में संधि ढूँढें:
- “महालक्ष्मी” (महा + लक्ष्मी) → दीर्घ संधि
पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)
प्रश्न ‘विद्या + आलय’ में कौन-सी संधि है?
(UPTET 2022)
(a) दीर्घ संधि
(b) गुण संधि
(c) वृद्धि संधि
(d) यण संधि
उत्तर: (a) दीर्घ संधि
प्रश्न ‘महा + औषध’ का संधि रूप क्या होगा?
(CTET 2021)
(a) महौषध
(b) महोषध
(c) माहौषध
(d) महाऔषध
उत्तर: (a) महौषध
प्रश्न ‘प्रति + एक’ का सही संधि रूप क्या है?
(MPPSC 2020)
(a) प्रत्येक
(b) प्रतीक
(c) प्रतिऐक
(d) प्रत्यक
उत्तर: (a) प्रत्येक
प्रश्न निम्न में से कौन वृद्धि संधि का उदाहरण है?
(UP Police 2021)
(a) विद्यालय
(b) चंद्रोदय
(c) महैश्वर्य
(d) परोपकार
उत्तर: (c) महैश्वर्य
प्रश्न ‘गुरु + आज्ञा’ में संधि का प्रकार बताएँ।
(SSC CHSL 2019)
(a) गुण संधि
(b) अयादि संधि
(c) दीर्घ संधि
(d) यण संधि
उत्तर: (b) अयादि संधि
निष्कर्ष
- स्वर संधि हिंदी व्याकरण का सबसे अधिक पूछा जाने वाला टॉपिक है।
- इसके नियम सरल हैं, लेकिन इन्हें समझने के लिए निरंतर अभ्यास आवश्यक है।
- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि संधि के नियमों को उदाहरणों सहित याद करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास आपको परीक्षा में सफलता दिलाएगा।