वाच्य: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
वाच्य क्या है?
- वाच्य हिंदी व्याकरण का मौलिक अंग है जो क्रिया के उस रूपांतर को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य का मुख्य उद्देश्य कर्ता, कर्म या भाव में से किस पर है।
- सरल शब्दों में, वाच्य यह बताता है कि वाक्य में क्रिया द्वारा व्यक्त किया गया कार्य कर्ता द्वारा किया गया है, कर्म पर हुआ है या भाव प्रधान है।
मुख्य विशेषताएँ:
- क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष का निर्धारण करता है
- वाक्य के प्रधान उद्देश्य को प्रकट करता है
- हिंदी में तीन प्रकार के वाच्य होते हैं
उदाहरण:
- “राम पुस्तक पढ़ता है” (कर्तृवाच्य)
वाच्य के प्रमुख प्रकार
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
1. कर्तृवाच्य
- जब क्रिया का प्रधान उद्देश्य कर्ता हो:- कर्ता प्रधान होता है
- क्रिया कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होती है
उदाहरण:
- “सीता गाना गाती है”
- “बच्चे खेल रहे हैं”
- “मैं पत्र लिखता हूँ”
2. कर्मवाच्य
- जब क्रिया का प्रधान उद्देश्य कर्म हो:- कर्म प्रधान होता है
- क्रिया कर्म के लिंग, वचन के अनुसार होती है
- कर्ता के साथ “से” या “के द्वारा” का प्रयोग होता है
उदाहरण:
- “राम के द्वारा रावण मारा गया”
- “मोहन से पत्र लिखा जाता है”
- “शिक्षक द्वारा पाठ पढ़ाया जाता है”
3. भाववाच्य
- जब क्रिया का प्रधान उद्देश्य भाव हो:
- भाव या स्थिति प्रधान होती है
- क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में होती है
- कर्ता के साथ “से” का प्रयोग होता है
उदाहरण:
- “मुझसे उठा नहीं जाता”
- “उससे चला नहीं जाता”
- “मैंसे पढ़ा नहीं जाता”
वाच्य परिवर्तन के नियम
1. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य
- कर्म को कर्ता बनाएँ
- कर्ता के साथ “से” या “के द्वारा” जोड़ें
- क्रिया को सकर्मक क्रिया के कर्मवाच्य रूप में बदलें
उदाहरण:
- “राम पुस्तक पढ़ता है” ⇒ “राम से पुस्तक पढ़ी जाती है”
2. कर्तृवाच्य से भाववाच्य
- कर्ता के साथ “से” जोड़ें
- क्रिया को भाववाच्य रूप में बदलें (पुल्लिंग एकवचन)
उदाहरण:
- “मैं दौड़ता हूँ” ⇒ “मुझसे दौड़ा जाता है”
3. कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य
- कर्ता को प्रधान बनाएँ
- “से” या “के द्वारा” हटाएँ
- क्रिया को कर्ता के अनुसार बदलें
उदाहरण:
- “सीता से गीत गाया जाता है” → “सीता गीत गाती है”
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
1. क्रिया रूप:
- कर्तृवाच्य: क्रिया कर्ता के अनुसार
- कर्मवाच्य: क्रिया कर्म के अनुसार
- भाववाच्य: क्रिया सदैव पुल्लिंग एकवचन
2. पहचान के संकेत:
- कर्तृवाच्य: कर्ता प्रधान, क्रिया सकर्मक/अकर्मक
- कर्मवाच्य: “से/द्वारा” का प्रयोग, कर्म प्रधान
- भाववाच्य: असमर्थता सूचक, “नहीं” का प्रयोग
3. ऐतिहासिक विकास:
- संस्कृत व्याकरण से लिया गया शब्द
- आधुनिक हिंदी में तीनों वाच्य प्रचलित
पिछले वर्षों के प्रश्न (हल सहित)
प्रश्न: “मुझसे चला नहीं जाता” – यह वाक्य किस वाच्य का उदाहरण है?
UGC NET हिंदी (2023):
(a) कर्तृवाच्य
(b) कर्मवाच्य
(c) भाववाच्य
(d) मिश्र वाच्य
उत्तर: (c) भाववाच्य
प्रश्न: “राम के द्वारा रावण मारा गया” – इस वाक्य में क्रिया किसके अनुसार है?
CTET हिंदी (2022):
(a) कर्ता (राम)
(b) कर्म (रावण)
(c) भाव
(d) करण
उत्तर: (b) कर्म (रावण)
प्रश्न: “वाच्य के कितने भेद होते हैं?”
TET हिंदी (2021):
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5
उत्तर: (b) 3
अभ्यास प्रश्नोत्तरी
1. “बच्चों द्वारा गीत गाया जाता है” – वाच्य का प्रकार बताएँ।
2. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाएँ: “शिक्षक पाठ पढ़ाते हैं”।
3. भाववाच्य के दो उदाहरण दीजिए।
परीक्षा रणनीति और तैयारी टिप्स
वाच्य पहचानें:
- प्रत्येक वाक्य में प्रधान उद्देश्य (कर्ता/कर्म/भाव) ढूँढ़ें
क्रिया रूप पर ध्यान दें:
- लिंग, वचन और पुरुष का विश्लेषण करें
परिवर्तन का अभ्यास:
- कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य और भाववाच्य बनाने का नियमित अभ्यास करें
त्रुटि स्पॉटिंग:
- क्रिया और कर्ता/कर्म के बीच अन्वय की जाँच करें
पिछले प्रश्नों का विश्लेषण:
- परीक्षा पैटर्न समझने हेतु
विशेष सुझाव:
- डॉ. बृजेश वर्मा की पुस्तक “हिंदी व्याकरण” का अध्ययन करें जिसमें वाच्य पर विस्तृत चर्चा है।
वाच्य का व्यावहारिक प्रयोग
1. साहित्य में:
कर्तृवाच्य:
- “तुलसीदास रामचरितमानस लिखते हैं” (कर्ता प्रधान)
कर्मवाच्य:
- “तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस लिखा गया” (कर्म प्रधान)
भाववाच्य:
- “तुलसीदास से लिखा गया” (भाव प्रधान)
2. आधुनिक उपयोग:
समाचार रिपोर्टिंग:
- “प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा की गई”
कानूनी भाषा:
- “अभियुक्त द्वारा अपराध किया गया”
दैनिक वार्तालाप:
- “मुझसे उठा नहीं जाता”
3. भावाभिव्यक्ति:
- भाववाच्य का उपयोग शारीरिक या मानसिक असमर्थता व्यक्त करने के लिए होता है
उदाहरण:
- “मुझसे रोया नहीं जाता”
- “उससे सुना नहीं जाता”
निष्कर्ष
- वाच्य हिंदी व्याकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है जो वाक्य की संरचना और अर्थ को निर्धारित करता है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में इस विषय से सम्बंधित प्रश्न अक्सर वाक्य पहचान, वाच्य परिवर्तन और त्रुटि सुधार के रूप में पूछे जाते हैं।
- वाच्य के तीनों प्रकारों के नियमों, उनकी विशेषताओं और परस्पर अंतरों की गहन समझ परीक्षा में सफलता की कुंजी है।