यमक अलंकार :-
- यमक शब्द का अर्थ होता है दो, जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।
- एक शब्द एक से अधिक बार आता है वहाँ यमक अलंकार होता है
यमक अलंकार के उदाहरण
“कनक कनक ते सौ गुनी , मादकता अधिकाय।
या खाये बौराय, जग वा पाये बौराय।”
नोट:-
- कनक शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले कनक शब्द का अर्थ है धतूरा
- दुसरे कनक शब्द का अर्थ है सोना
“राम राम, रामचरितमानस पढ़ो”
नोट:-
- घटा शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले राम शब्द का अर्थ है राम का नाम
- दुसरे राम शब्द का अर्थ है राम की कृति
“काली घटा का घमंड घटा, नभ मंडल तारक वृंद खिले”
नोट:-
- घटा शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले घटा शब्द का अर्थ है बादल
- दुसरे घटा शब्द का अर्थ है घटना अर्थात कम होना
“बादल बरसा, बरसा बादल”
नोट:-
- बरसा शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले बरसा शब्द क्रिया के रूप में
- दुसरे बरसा शब्द क्रिया विशेषण के रूप में
“रति-रति सोभा सब रति के सरीर की”
नोट:-
- रति शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है
- पहले रति-रति शब्द का अर्थ है रत्ती भर
- दुसरे रति शब्द का अर्थ है कामदेव की पत्नी
कहै कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लीनी
नोट:-
- बेनी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले बेनी शब्द का अर्थ है कवि का नाम
- दुसरे बेनी शब्द का अर्थ है चोटी
“मैं मिट्टी से बना हूँ, मुझे मिट्टी में मिल जाना चाहिए”
नोट:-
- मिट्टी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है
- पहले मिट्टी शब्द पदार्थ के रूप में प्रयोग हुआ है
- दुसरे मिट्टी शब्द स्थान के रूप में हुआ है
यमक अलंकार का प्रयोग
- इस अलंकार का प्रयोग काव्य रचनाओं में किया जाता है