बृहद्रथ का इतिहास: मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी | Brihadratha Maurya History in Hindi

बृहद्रथ: मौर्य वंश का अंतिम शासक

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बृहद्रथ: परिचय

  • बृहद्रथ (187-180 ई.पू.) मौर्य वंश का अंतिम शासक था जिसके शासनकाल में विशाल मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ।
  • उसकी हत्या उसके ही सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने कर दी, जिससे शुंग वंश की स्थापना हुई।

प्रारंभिक जीवन और सत्ता प्राप्ति

  • वंश: मौर्य वंश
  • पूर्ववर्ती: शतधन्वन मौर्य
  • सत्ता प्राप्ति: 187 ई.पू. में
  • शासनकाल: 187-180 ई.पू. (7 वर्ष)

शासनकाल की प्रमुख विशेषताएं

  • साम्राज्य की स्थिति
  • मौर्य साम्राज्य का विघटन शुरू हो चुका था
  • केन्द्रीय शक्ति कमजोर हो गई थी
  • प्रांतीय गवर्नर स्वतंत्र होने लगे थे

सैन्य स्थिति

  • सेना का मनोबल नीचे था
  • सीमाओं पर यूनानी आक्रमण का खतरा
  • आंतरिक विद्रोह की स्थिति

आर्थिक स्थिति

  • राजकोष खाली हो चुका था
  • व्यापार मार्ग असुरक्षित हो गए थे
  • कृषि उत्पादन में गिरावट

बृहद्रथ की हत्या और मौर्य वंश का अंत

  • वर्ष: 180 ई.पू.
  • हत्यारा: सेनापति पुष्यमित्र शुंग
  • स्थान: सेना की परेड के दौरान
  • परिणाम: शुंग वंश की स्थापना

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण

  • कमजोर उत्तराधिकारी
  • प्रशासनिक अक्षमता
  • आर्थिक संकट
  • सैन्य शक्ति का ह्रास
  • बाह्य आक्रमणों का खतरा

ऐतिहासिक स्रोत

  • पुराणों में उल्लेख
  • बाणभट्ट का हर्षचरित
  • बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

  • शासनकाल: 187-180 ई.पू.
  • राजधानी: पाटलिपुत्र
  • उत्तराधिकारी: पुष्यमित्र शुंग
  • ऐतिहासिक महत्व: मौर्य वंश का अंत

बृहद्रथ का ऐतिहासिक महत्व

  • मौर्य साम्राज्य के अंत का प्रतीक
  • प्राचीन भारत में राजवंशों के परिवर्तन का उदाहरण
  • केन्द्रीयकृत साम्राज्य के पतन का केस स्टडी

निष्कर्ष

  • बृहद्रथ का शासनकाल मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी कहता है।
  • उसकी हत्या ने न केवल मौर्य वंश का अंत किया बल्कि भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।

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