12 June 2025
शिशुनाग वंश

शिशुनाग वंश

शिशुनाग वंश: प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण राजवंश

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शिशुनाग वंश का परिचय

  • शिशुनाग वंश प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण राजवंश था जिसने लगभग 413 ईसा पूर्व से 345 ईसा पूर्व तक मगध साम्राज्य पर शासन किया। इस वंश ने हर्यंक वंश के बाद मगध की सत्ता संभाली और नंद वंश के उदय तक शासन किया।

शिशुनाग वंश के शासक

  • इस वंश में तीन शासक हुए
  1. शिशुनाग
  2. कालाशोक
  3. नंदीवर्धन

शिशुनाग

(412 ई. पू से 394 ई. पू तक)
  • शिशुनाग ने हर्यंक वंश के शासक नागदशक की हत्या करके गद्दी पर बैठा
  • इन्होने ने शिशुनाग वंश की स्थापना किया
  • इसने अपनी राजधानी वैशाली स्थानातरित किया
  • इसने बंगाल से मालवा तक राज्य का विस्तार किया
  • इन्होने ने अवंति राज्य को मगध में मिलाया
  • इसने लगभग 18 वर्ष तक शासन किया
  • इसका पुत्र कालाशोक था

कालाशोक

(394 ई. पू से 366 ई. पू तक)
  • इसे इस वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक माना जाता है
  • इसका उपनाम काकवर्ण था
  • काकवर्ण का आशय काले रंग का होना
  • इसने वैशाली में दूसरी बौद्ध संगीति का आयोजन करवाया
  • इसने अपनी राजधानी वैशाली से पाटलिपुत्र में पुन: स्थानातरित किया
  • इसने लगभग 28 वर्ष तक शासन किया
  • इसका पुत्र नन्दिवर्धन था

नंदिवर्धन

(366 ई. पू से 344 ई. पू तक)

  • यह इस वंश का अंतिम शासक था
  • इसने लगभग 22 वर्ष तक शासन किया
  • महापद्मनंद ने नन्दिवर्धन को हरा कर सत्ता हथिया लिया

शिशुनाग वंश की उपलब्धियां

क्षेत्रीय विस्तार
  • अवंति, वत्स और कोशल को जीता
  • मगध साम्राज्य का विस्तार
प्रशासनिक सुधार
  • कुशल प्रशासन व्यवस्था
  • नई राजधानियों का विकास
धार्मिक योगदान
  • बौद्ध धर्म को संरक्षण
  • दूसरी बौद्ध संगीति का आयोजन

शिशुनाग वंश का पतन

  • महापद्मनंद ने अंतिम शासक नंदीवर्धन की हत्या करके नन्द वंश की स्थापना किया

प्रशासनिक कमजोरियाँ

  • सैन्य शक्ति में कमी

ऐतिहासिक स्रोत

बौद्ध ग्रंथ
  • दीपवंश
  • महावंश
जैन ग्रंथ
  • परिशिष्टपर्वन
पुराण
  •  विष्णु पुराण
  • भागवत पुराण

शिशुनाग वंश का कार्यकाल

  • इस वंश ने 68 वर्षों तक शासन किया
  • मौर्य साम्राज्य से पूर्व का महत्वपूर्ण काल
  • मगध को सुपरपावर बनाने की नींव रखी

शिशुनाग वंश का ऐतिहासिक महत्व

  • मगध साम्राज्य के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका
  • बौद्ध धर्म के विकास में योगदान
  • प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करना
  • नंद और मौर्य साम्राज्य के लिए मार्ग प्रशस्त करना

निष्कर्ष

  • शिशुनाग वंश ने प्राचीन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वंश ने मगध साम्राज्य को स्थिरता प्रदान की और उसे विस्तारित किया। भले ही यह वंश अल्पकालिक रहा हो, लेकिन इसने भारतीय इतिहास के स्वर्णिम युग (मौर्य काल) के लिए आधार तैयार किया।

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