कर्मधारय समास | Karmdharya Samas

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कर्मधारय समास की परिभाषा

  • इस समास में प्रथम पद(पूर्व पद ) गौड़ और दूसरा पद (उत्तर पद)  प्रधान होता है
  • जिस समास में उपमेय-उपमान का सम्बन्ध हो तो वह कर्मधारय समास होता है
  • जिस समास में विशेषण-विशेष्य का सम्बन्ध हो तो वह कर्मधारय समास होता है
  • कर्मधारय समास का विग्रह करने पर रूपी, है जो समान शब्द मिलते है

कर्मधारय समास के भेद

  1. विशेषता वाचक कर्मधारय
  2. तुलना  वाचक कर्मधारय

कर्मधारय समास के उदाहरण

समस्त पद विग्रह
अधमराआधा है जो मरा
अणुशक्तिअणु की है जो शक्ति
कालापानीकाला है जो पानी
कालीमिर्चकाली है जो मिर्च
काले बादलकाला है जो बादल
दहीबड़ादही में डूबा है जो बड़ा
नीलकमलनीला है जो कमल
नीलाम्बरनीला है जो अम्बर
नीलगगननीला है जो गगन
नीलमणिनीला हैं जो मणि
नवजीवननया है जो जीवन
नवयुवकनया है जो युवक
पीताम्बरपीला है जो अम्बर
प्रधानमंत्रीप्रधान है जो मंत्री
परमेश्वरपरम है जो ईश्वर
परमात्मापरम है जो आत्मा
परमानन्दपरम है जो आनन्द
परमवीरपरम है जो वीर
लालमणिलाल हैं जो मणि
मधुरसमधुर है जो रस
महर्षिमहान है जो ऋषि
महात्मामहान है जो आत्मा
महादेवमहान है जो देव
महारथीमहान है जो  रथी
महाराजमहान है जो राजा
सगुणसत (अच्छा )है जो गुण
सज्जनसत (अच्छा )है जो जन
सुप्रबंधअच्छा है जो प्रबन्ध
सुप्रभातअच्छा है जो सुबह
सुयोजनअच्छा है जो योजना

 

रूपी विग्रह

समासविग्रह
कन्याधनकन्या रूपी धन
गुरुदेवगुरु रूपी  देव
देहलतादेह रूपी लता
विद्याधनविद्या रूपी धन
स्नेहलतास्नेह रूपी लता
हेमलताहेम रूपी लता

 

के समान विग्रह

समासविग्रह
कनकलताकनक के समान लता
कमलनयनकमल के समान नयन
चन्द्रमुखचन्द्र के समान मुख
चरणकमलकमल के समान चरण
घनश्यामघन(बादल ) के समान श्याम
प्राणप्रियप्राणों के समान प्रिय
मृगनयनमृग के समान नमन
शैलोन्नतशैल के समान उन्नत
लौह पुरुषलोहें के समान पुरुष
इन्हें भी देखें

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