25 June 2025
नागभट्ट प्रथम

नागभट्ट प्रथम: प्रतिहार वंश का संस्थापक और अरब विजेता | Nagabhata I History in Hindi

नागभट्ट प्रथम: प्रतिहार वंश के संस्थापक और अरब आक्रमणों के प्रतिरोधक

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नागभट्ट प्रथम

वंश गुर्जर प्रतिहार वंश
सत्ता प्राप्ति 730 ई. में
राजधानी मंदसौर (मालवा)
शासनकाल 26 वर्ष (730ई. से 756 ई.तक)
प्रतिहार वंश का संस्थापक नागभट्ट प्रथम
प्रमुख युद्ध अरबों के विरुद्ध (738 ई.)

नागभट्ट प्रथम: परिचय

  • नागभट्ट प्रथम (730-756 ई.) प्रतिहार वंश का संस्थापक था जिसने मध्यकालीन भारत में उत्तर भारत की राजनीति को नई दिशा दी।
  • उसने अरब आक्रमणकारियों को पराजित कर हिंदू शक्ति को पुनर्जीवित किया और मालवा क्षेत्र में अपना साम्राज्य स्थापित किया।

शासनकाल की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • अरब आक्रमणकारियों को पराजित किया
  • 738 ई. में अरब सेनापति जुनैद को पराजित किया
  • सिंध और राजस्थान क्षेत्र से अरबों को खदेड़ा
  • हिंदू धर्म की रक्षा की

साम्राज्य विस्तार

  • मालवा पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया
  • गुजरात और राजस्थान के कुछ भागों पर अधिकार
  • कन्नौज की ओर विस्तार की नींव रखी

प्रशासनिक सुधार

  • सुव्यवस्थित सैन्य संगठन
  • कृषि और व्यापार को प्रोत्साहन
  • मंदिरों और ब्राह्मणों को दान

ऐतिहासिक स्रोत

  • ग्वालियर प्रशस्ति
  • जोधपुर प्रशस्ति
  • अरब यात्री अल-बिलादुरी के विवरण

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

  • शासनकाल:⇒ 730-756 ई.
  • राजधानी:⇒ मंदसौर
  • प्रमुख युद्ध:⇒ अरबों के विरुद्ध (738 ई.)
  • विशेष योगदान:⇒ अरब आक्रमण रोकना

नागभट्ट प्रथम का ऐतिहासिक महत्व

  • उत्तर भारत में हिंदू शक्ति का पुनरुत्थान
  • अरब विस्तारवाद को रोकने वाला प्रथम भारतीय शासक
  • प्रतिहार वंश की नींव रखना

निष्कर्ष

  • नागभट्ट प्रथम ने भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया।
  • उसके सैन्य कौशल और प्रशासनिक योग्यता ने प्रतिहार वंश को एक शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में स्थापित किया।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर उसके अरब विरोधी अभियानों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।

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