- भारत में उन्ही भाषाओँ को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाता है जो पूर्ण रूप से समृद्ध हो ।
- यह भारत की एक अनमोल विरासत हैं।
- यह भारतीय संस्कृति की पहचान होती है।
- भाषा को शात्रीय भाषा का दर्जा संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।
- संस्कृति मंत्रालय ने 2004 से भारतीय भाषाओ को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की शुरुआत की गयी है
- वर्तमान में भारत में कुल 11 भाषाओ को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
- सबसे प्राचीन शास्त्रीय भाषा तमिल भाषा को माना जाता है।
तमिल भाषा को वर्ष 2004 में मान्यता प्रदान की गई, यह दक्षिण भारत की सबसे प्राचीन भाषा है और तमिलनाडु की राजभाषा है
संस्कृत भाषा को वर्ष 2005 में मान्यता प्रदान की गई, भारती आदि भाषा है इसे देवों की भाषा भी कहा जाता है
तेलगू और कन्नड़ भाषा को वर्ष 2008 में मान्यता प्रदान की गई
मलयालम भाषा को वर्ष 2013 में मान्यता प्रदान की गई, यह केरल राज्य की राजभाषा है
उड़िया भाषा को वर्ष 2014 में मान्यता प्रदान की गई, यह ओडिशा राज्य की राजभाषा है
वर्ष 2024 में चार भाषा (पाली, प्राकृत, असमिया, बंगाली, मराठी ) को मान्यता प्रदान की गई
क्रम संख्या | शास्त्रीय भाषा | राज्य | मान्यता (वर्ष) |
---|---|---|---|
1. | तमिल | तमिलनाडु | 2004 |
2. | संस्कृत | – | 2005 |
3. | तेलगु | आंध्रप्रदेश, तेलंगाना | 2008 |
4. | कन्नड़ | कर्नाटक | 2008 |
5. | मलयालम | केरल | 2013 |
6. | उड़िया | ओडिशा | 2014 |
7. | असमिया | असम | 2024 |
8. | बंगाली | पश्चिम बंगाल | 2024 |
9. | पाली | – | 2024 |
10. | प्राकृत | – | 2024 |
11. | मराठी | महाराष्ट्र | 2024 |