संधि किसे कहते हैं
- शब्दों के मेल को संधि कहते है
उदाहरण
- विद्या + आलय = विद्यालय
- सचिव + आलय = सचिवालय
- देव + आलय = देवालय
संधि के भेद
- संधि तीन प्रकार की होती हैं –
स्वर संधि
- दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार को स्वर संधि कहा जाता है
उदाहरण
- हिम + आलय = हिमालय
- मुनि + इंद्र = मुनींद्र
- विधु + उदय = विधूदय
स्वर संधि के प्रकार
- स्वर संधि पांच प्रकार के होते है
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- आयदि संधि
दीर्घ संधि
अ + अ = आ
अ + आ = आ
आ + अ = आ
आ + आ = आ
जैसे:-
- हिम + आलय = हिमालय
- देव + आलय = देवालय
- विद्या + आलय = विद्यालय
इ + इ = ई
इ + ई = ई
ई + इ = ई
ई + ई = ई
जैसे:-
- रवि + इंद्र = रवींद्र
- मुनि + इंद्र = मुनींद्र
- गिरि + ईश = गिरीश
- मुनि + ईश = मुनीश
उ + उ = ऊ
उ + ऊ = ऊ
ऊ + उ = ऊ
ऊ + ऊ = ऊ
जैसे:-
- भानु + उदय = भानूदय
- विधु + उदय = विधूदय
गुण संधि
- अ + इ = ए
जैसे:-
- नर + इंद्र = नरेंद्र
- हिम + ईश = हिमेश
वृद्धि संधि
- अ + ए = ऐ
जैसे:-
- एक + एक = एकैक
- सदा + एव = सदैव
यण संधि
- सु + आगत = स्वागत
- अनु + एषण = अन्वेषण
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
आयदि संधि
- ने + अन = नयन
- पो + अन = पवन
- पौ + अक = पावक
- नौ + इक = नाविक
व्यंजन संधि
- दो व्यंजन या स्वर और व्यंजन या व्यंजन और स्वर के मेल से होने वाले विकार को व्यंजन संधि कहा जाता है
उदाहरण
- परा + क्रम = पराक्रम
- दिक् + गज = दिग्गज
- वाक् + मय = वाङ्मय
- वाक् + दान = वाग्दान
- ऋग् + वेद =ऋग्वेद
- जगत् + ईश = जगदीश
- जगत् + नाथ = जगन्नाथ
- अच् + अन्त = अजन्त
- उत् + घाटन = उद्घाटन
- अप् + द = अब्द
- सम् + धि = संधि
- सम् + ज्ञा = संज्ञा
- सम् + विधान = संविधान
- सम् + जय = संजय
- अलम् + कार = अलंकार
विसर्ग संधि
- जब विसर्ग(:) के बाद स्वर या व्यंजन आये तो विसर्ग संधि होता है
उदाहरण
- पुर: + कार = पुरस्कार
- निः + धन = निर्धन
- नि: + तेज = निस्तेज
- निः + रस = नीरस
- मनः + बल = मनोबल
- निः + आशा = निराशा
- नि: + गुण = निर्गुण
- नि: कपट = निष्कपट
- नि: फल = निष्फल
अपवाद
- दु: ख = दुःख
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