अयादि संधि: परिभाषा, नियम, उदाहरण और महत्वपूर्ण तथ्य

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अयादि संधि: परिभाषा, नियम और उदाहरण – हिंदी व्याकरण का संपूर्ण ज्ञान

  • अयादि संधि हिंदी व्याकरण में व्यंजन संधि का विशेष प्रकार है जो प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, राज्य PSCs, शिक्षक भर्ती) में अक्सर पूछा जाता है।
  • जब शब्दों के मेल से आ, या वर्ण परिवर्तन होता है, तो उसे अयादि संधि कहते हैं।
  • आइए, इसके नियमों और उदाहरणों को विस्तार से समझें।

अयादि संधि की परिभाषा

  • इस संधि में व्यंजनों या स्वरों के मेल से नए शब्दों का निर्माण होता है।
  • यह संधि “अयादि” शब्द से व्युत्पन्न है, जहाँ “आय” का अर्थ है ‘परिवर्तन’ और “आदि” का अर्थ है ‘आदि अन्य’।
  • इसके अंतर्गत विशेष प्रकार के वर्ण परिवर्तन होते हैं।

अयादि संधि के प्रमुख नियम और उदाहरण

 1.      इ/ई + अ/आ = ए

  • जब इ या ई के बाद अ या आ आए, तो ए बनता है।

उदाहरण:

  • नदी + अमृत = नद्यमृत
  • श्रद्धा + आलय = श्रद्धालय

2.     उ/ऊ + अ/आ = ओ

  • जब उ या ऊ के बाद अ या आ आए, तो ओ बनता है।

उदाहरण:

  • साधु + आचरण = साध्वाचरण
  • गुरु + आज्ञा = गुर्वाज्ञा

3.      ऋ + अ/आ = अर्

  • जब ऋ के बाद अ या आ आए, तो अर् बनता है।

उदाहरण:

  • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
  • मातृ + अंश = मात्रंश

अयादि संधि के विशेष उदाहरण तालिका

संधि शब्दसंधि रूपनियम
नदी + अमृतनद्यमृतई + अ = य
साधु + आचरणसाध्वाचरणउ + आ = व
पितृ + आज्ञापित्राज्ञाऋ + आ = र
धातु + अर्थधात्वर्थउ + अ = व

अयादि संधि और यण संधि में अंतर

पैरामीटरअयादि संधियण संधि
प्रकारव्यंजन संधिस्वर संधि
मुख्य परिवर्तनय, व, र् में परिवर्तनय, व, र् में परिवर्तन
उदाहरणनद्यमृत (नदी + अमृत)प्रत्यक्ष (प्रति + अक्ष)

परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रमुख बिंदु

संधि विच्छेद का महत्व:

  • इस संधि के प्रश्नों में संधि विच्छेद अक्सर पूछा जाता है।

उदाहरण:

  • धात्वर्थ = धातु + अर्थ

अपवाद स्थितियाँ:

  • कुछ शब्दों में संधि नहीं होती:
  • गुरु + इंद्र = गुरुंद्र (संधि नहीं)

विसर्ग संधि के साथ संयोजन:

  • विसर्ग (:) के बाद स्वर आने पर अयादि संधि हो सकती है:
  • निः + अर्थ = निरर्थ

उदाहरण

ए + अ = अय् + अ

  • ने + अन = नयन

ऐ + अ = आय् + अ

  • गै + अक = गायक

ओ + अ = अव् + अ

  • पो + अन = पवन

औ + अ = आव् + अ

  • पौ + अक = पावक

औ + इ = आव् + इ

  • नौ + इक = नाविक

अयादि संधि के प्रमुख उदाहरण

संधि रूपसंधि विच्छेदनियम
नद्यमृतनदी + अमृतई + अ = य
साध्वाचरणसाधु + आचरणउ + आ = व
पित्राज्ञापितृ + आज्ञाऋ + आ = र
धात्वर्थधातु + अर्थउ + अ = व

परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स

1. नियमों को कंठस्थ करें:

इ/ई + अ/आ = य

उ/ऊ + अ/आ = व

ऋ + अ/आ = र्

2. सामान्य उदाहरण याद रखें:

नदी + अमृत = नद्यमृत

साधु + आचरण = साध्वाचरण

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

3. संधि विच्छेद का अभ्यास करें:

श्रद्धालय = श्रद्धा + आलय

गुर्वाज्ञा = गुरु + आज्ञा

4. अपवादों पर ध्यान दें:

  • “गुरुंद्र” जैसे शब्दों में संधि नहीं होती।

पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)

Que. नदी + अमृत’ का संधि रूप क्या होगा?

(UPTET 2021)

(a) नदीमृत

(b) नद्यमृत

(c) नदीअमृत

(d) नद्यमृत्

उत्तर. (b) नद्यमृत

Que. ‘साधु + आचरण’ का संधियुक्त रूप क्या है?

(CTET 2022)

(a) साध्वाचरण

(b) साधूचरण

(c) साधुचरण

(d) साध्वाचारण

उत्तर. (a) साध्वाचरण

Que. किस विकल्प में अयादि संधि है?

(MPPSC 2020)

(a) विद्यालय

(b) पित्राज्ञा

(c) महोत्सव

(d) परोपकार

उत्तर. (b) पित्राज्ञा

Que. ‘धातु + अर्थ’ का संधि रूप क्या है?

(UP Police 2021)

(a) धात्वर्थ

(b) धातूर्थ

(c) धातुर्थ

(d) धात्वार्थ

उत्तर. (a) धात्वर्थ

Que. ‘गुरु + आज्ञा’ में कौन-सी संधि है?

(SSC CHSL 2019)

(a) गुण संधि

(b) अयादि संधि

(c) वृद्धि संधि

(d) यण संधि

उत्तर. (b) अयादि संधि

निष्कर्ष

  • यह संधि हिंदी व्याकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में निश्चित रूप से पूछा जाता है।
  • इसके नियम सरल हैं, लेकिन विभिन्न उदाहरणों का अभ्यास आवश्यक है।
  • य, व, र् के परिवर्तनों को समझकर और संधि विच्छेद का निरंतर अभ्यास करके आप इस खंड में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
  • पिछले वर्षों के प्रश्नों का समावेश आपको परीक्षा पैटर्न समझने में मदद करेगा।

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