18 June 2025
विसर्ग संधि

विसर्ग संधि

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विसर्ग-संधि

  • विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।

जैसे:-

  • पुर: + कार = पुरस्कार
  • नी: + व = नीरव
  • मनः + अनुकूल = मनोनुकूल

(क) विसर्ग के पहले यदि ‘अ’ और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का ओ हो जाता है।

जैसे :-
  • मनः + अनुकूल = मनोनुकूल
  • अधः + गति = अधोगति
  • मनः + बल = मनोबल

(ख) विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में कोई स्वर हो, वर्ग के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण अथवा य्, र, ल, व, ह में से कोई हो तो विसर्ग का र या र् हो जाता है।

जैसे :-
  • निः + आहार = निराहार
  • निः + आशा = निराशा
  • निः + धन = निर्धन

(ग) विसर्ग से पहले कोई स्वर हो और बाद में च, छ या श हो तो विसर्ग का श हो जाता है।

जैसे :-
  • निः + चल = निश्चल
  • निः + चय = निश्चय
  • निः + छल = निश्छल
  • दुः + शासन = दुश्शासन

(घ) विसर्ग के बाद यदि त या स हो तो विसर्ग स् बन जाता है।

जैसे :-
  • नमः + ते = नमस्ते
  • निः + संतान = निस्संतान
  • नि: + तेज = निस्तेज
  • दुः + साहस = दुस्साहस

(ङ) विसर्ग से पहले इ, उ और बाद में क, ख, ट, ठ, प, फ में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग का ष हो जाता है।

जैसे :-
  • निः + कलंक = निष्कलंक
  • निः + कपट = निष्कपट
  • निः + फल = निष्फल
  • चतुः + पाद = चतुष्पाद
  • दु: + कर = दुष्कर

(च) विसर्ग से पहले अ, आ हो और बाद में कोई भिन्न स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है।

जैसे :-
  • निः + रोग = निरोग
  • निः + रस = नीरस

(छ) विसर्ग के बाद क, ख अथवा प, फ होने पर विसर्ग में कोई परिवर्तन नहीं होता।

कुछ प्रमुख विसर्ग संधि शब्द

  • अधोगति
  • पुरोहित
  • उरोज
  • आशीर्वाद
  • दुराभिमान
  • चतुष्पद

 

  • तपोवन
  • तपोबल

 

  • निर्धन
  • निराशा
  • निर्बल

 

  • मनोनीत
  • मनोभूमि
  • मनोरंजन
  • मनोबल
  • मनोयोग

संधि

  1. स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि

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