## स्वर संधि: परिभाषा, प्रकार और उदाहरण – हिंदी व्याकरण का संपूर्ण जाइड
स्वर संधि हिंदी व्याकरण का **मूलभूत अध्याय** है जहाँ दो स्वरों के मेल से नया स्वर या वर्ण बनता है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, राज्य PSCs, CTET) में अक्सर पूछा जाता है। इस लेख में हम स्वर संधि के सभी प्रकारों को नियमों और उदाहरणों सहित समझेंगे।
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### **स्वर संधि क्या है?**
जब दो शब्दों या पदों के मेल से:
1. दो स्वर आपस में मिलते हैं
2. उनके बीच कोई व्यंजन नहीं होता
3. मिलने से नया स्वर बनता है
तो उसे **स्वर संधि** कहते हैं। जैसे:
– विद्या + आलय = विद्यालय
– महा + ईश = महेश
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### **स्वर संधि के प्रमुख प्रकार**
#### 1. **दीर्घ संधि**
– **नियम:** समान स्वरों का मेल → दीर्घ स्वर बनता है
– **उदाहरण:**
– अ/आ + अ/आ = आ (विद्या + आलय = विद्यालय)
– इ/ई + इ/ई = ई (नदी + इश = नदीश)
– उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ (भानु + उदय = भानूदय)
#### 2. **गुण संधि**
– **नियम:** असमान स्वरों का मेल → गुण स्वर बनता है
– **उदाहरण:**
– अ/आ + इ/ई = ए (देव + इंद्र = देवेंद्र)
– अ/आ + उ/ऊ = ओ (चंद्र + उदय = चंद्रोदय)
– अ/आ + ऋ = अर् (देव + ऋषि = देवर्षि)
#### 3. **वृद्धि संधि**
– **नियम:** अ/आ + ए/ऐ/ओ/औ → ऐ/औ बनता है
– **उदाहरण:**
– अ/आ + ए/ऐ = ऐ (महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य)
– अ/आ + ओ/औ = औ (महा + औषध = महौषध)
#### 4. **यण संधि**
– **नियम:** इ/ई/उ/ऊ/ऋ + भिन्न स्वर → य/व/र् बनता है
– **उदाहरण:**
– इ/ई → य (प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष)
– उ/ऊ → व (अनु + अय = अन्वय)
– ऋ → र् (पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा)
#### 5. **अयादि संधि**
– **नियम:** इ/ई/उ/ऊ/ऋ + अ/आ → य/व/र् बनता है
– **उदाहरण:**
– नदी + अमृत = नद्यमृत
– साधु + आचरण = साध्वाचरण
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### **स्वर संधि तुलना तालिका**
| **प्रकार** | **स्वरों का मेल** | **परिणाम** | **उदाहरण** |
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| दीर्घ संधि | अ/आ + अ/आ | आ | विद्यालय |
| गुण संधि | अ/आ + इ/ई | ए | देवेंद्र |
| वृद्धि संधि | अ/आ + ओ/औ | औ | महौषध |
| यण संधि | इ/ई + अ/आ | य | प्रत्यक्ष |
| अयादि संधि | उ/ऊ + अ/आ | व | अन्वय |
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### **परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण नियम**
1. **विसर्ग संधि के साथ संयोजन:**
– निः + आकार = निराकार (दीर्घ संधि)
– निः + ऐश्वर्य = निरैश्वर्य (वृद्धि संधि)
2. **अपवाद स्थितियाँ:**
– प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (यण संधि)
– परम + ओजस्वी = परमोजस्वी (गुण संधि)
3. **संधि विच्छेद तकनीक:**
– शब्द में दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ) खोजें → दीर्घ संधि
– ए/ओ/ऐ/औ की उपस्थिति → गुण/वृद्धि संधि
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### **पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)**
1. **’विद्या + आलय’ में कौन-सी संधि है?** (UPTET 2022)
(a) दीर्घ संधि
(b) गुण संधि
(c) वृद्धि संधि
(d) यण संधि
2. **’महा + औषध’ का संधि रूप क्या होगा?** (CTET 2021)
(a) महौषध
(b) महोषध
(c) माहौषध
(d) महाऔषध
3. **’प्रति + एक’ का सही संधि रूप क्या है?** (MPPSC 2020)
(a) प्रत्येक
(b) प्रतीक
(c) प्रतिऐक
(d) प्रत्यक
4. **निम्न में से कौन वृद्धि संधि का उदाहरण है?** (UP Police 2021)
(a) विद्यालय
(b) चंद्रोदय
(c) महैश्वर्य
(d) परोपकार
5. **’गुरु + आज्ञा’ में संधि का प्रकार बताएँ।** (SSC CHSL 2019)
(a) गुण संधि
(b) अयादि संधि
(c) दीर्घ संधि
(d) यण संधि
**उत्तर:**
1. (a) दीर्घ संधि
2. (a) महौषध
3. (a) प्रत्येक
4. (c) महैश्वर्य
5. (b) अयादि संधि
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### **परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स**
1. **नियम याद रखें:**
– दीर्घ: समान स्वर → दीर्घ रूप
– गुण: अ/आ + इ/उ → ए/ओ
– वृद्धि: अ/आ + ए/ओ → ऐ/औ
2. **मुख्य उदाहरण कंठस्थ करें:**
– दीर्घ: विद्यालय, महात्मा
– गुण: देवेंद्र, चंद्रोदय
– यण: प्रत्यक्ष, अन्वय
3. **संधि विच्छेद का अभ्यास:**
– महौषध = महा + औषध
– पित्राज्ञा = पितृ + आज्ञा
4. **विज्ञापनों में संधि ढूँढें:**
– “महालक्ष्मी” (महा + लक्ष्मी) → दीर्घ संधि
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### **निष्कर्ष**
स्वर संधि हिंदी व्याकरण का **सबसे अधिक पूछा जाने वाला टॉपिक** है। इसके नियम सरल हैं, लेकिन इन्हें समझने के लिए **निरंतर अभ्यास** आवश्यक है। दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि संधि के नियमों को उदाहरणों सहित याद करें। पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास आपको परीक्षा में सफलता दिलाएगा।
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