23 July 2025
गुण संधि

गुण संधि: परिभाषा, नियम, प्रकार और उदाहरण

## गुण संधि: परिभाषा, नियम और उदाहरण – हिंदी व्याकरण का संपूर्ण ज्ञान

गुण संधि हिंदी व्याकरण में **स्वर संधि का प्रमुख प्रकार** है जो प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, राज्य PSCs, शिक्षक भर्ती) में अक्सर पूछा जाता है। जब असमान स्वरों के मेल से ए, ओ, अय्, आव् जैसे वर्ण बनते हैं, तो उसे गुण संधि कहते हैं। आइए, इसके नियमों और उदाहरणों को विस्तार से समझें।
### **गुण संधि की परिभाषा**
गुण संधि में जब **ह्रस्व या दीर्घ स्वरों** का मेल होता है, तो उनके बीच **गुण स्वर** (ए, ओ, अय्, आव्) बनते हैं। यह संधि संस्कृत व्याकरण पर आधारित है, लेकिन हिंदी में भी प्रचलित है।
### **गुण संधि के मुख्य नियम और उदाहरण**
#### 1. **अ/आ + इ/ई = ए**
– जब पहला शब्द अ या आ से समाप्त हो और दूसरा शब्द इ या ई से शुरू हो।
**उदाहरण:**
– देव + इंद्र = देवेंद्र
– महा + ईश = महेश
– पुरुष + ईश = पुरुषेश
#### 2. **अ/आ + उ/ऊ = ओ**
– जब पहला शब्द अ या आ से समाप्त हो और दूसरा शब्द उ या ऊ से शुरू हो।
**उदाहरण:**
– चंद्र + उदय = चंद्रोदय
– महा + उत्सव = महोत्सव
– गंगा + उदक = गंगोदक
#### 3. **अ/आ + ऋ = अर्**
– जब पहला शब्द अ या आ से समाप्त हो और दूसरा शब्द ऋ से शुरू हो।
**उदाहरण:**
– देव + ऋषि = देवर्षि
– पितृ + ऋण = पितृण
### **गुण संधि के विशेष प्रकार**
| **पहला शब्द** | **दूसरा शब्द** | **संधि रूप** | **नियम** |
|—————-|—————–|—————-|——————-|
| अ + इ | ए | (देव + इंद्र = देवेंद्र) |
| आ + उ | ओ | (महा + उत्सव = महोत्सव) |
| अ + ऋ | अर् | (देव + ऋषि = देवर्षि) |
### **गुण संधि और दीर्घ संधि में अंतर**
| **पैरामीटर** | **गुण संधि** | **दीर्घ संधि** |
|———————|——————————-|——————————-|
| **स्वरों का मेल** | असमान स्वरों का मेल | समान स्वरों का मेल |
| **परिणाम** | ए, ओ, अर् | आ, ई, ऊ |
| **उदाहरण** | देवेंद्र (देव + इंद्र) | विद्यालय (विद्या + आलय) |
### **परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रमुख बिंदु**
1. **विसर्ग संधि के साथ गुण संधि:**
   – जब विसर्ग (:) के बाद इ, उ, ऋ आए तो गुण संधि हो सकती है:
     – निः + ईश = निरीश
     – निः + उल = निरुल
2. **अपवाद स्थितियाँ:**
   – कुछ शब्दों में गुण संधि नहीं होती:
     – प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (यण संधि)
     – सु + अच्छा = सुअच्छा (संधि नहीं)
3. **संधि विच्छेद:**
   – महेश = महा + ईश
   – चंद्रोदय = चंद्र + उदय
### **पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)**
1. **’महा + ईश’ का संधि रूप क्या होगा?** (UPTET)
   (a) महेश
   (b) महीश
   (c) माहेश
   (d) महइश
2. **’विद्या + अर्थी’ का संधियुक्त रूप क्या है?** (CTET)
   (a) विद्यार्थी
   (b) विद्यर्थी
   (c) विद्यार्थि
   (d) विद्याथी
3. **किस विकल्प में गुण संधि है?** (MPPSC)
   (a) सत्याग्रह
   (b) विद्यालय
   (c) चंद्रोदय
   (d) परोपकार
4. **’देव + ऋषि’ का संधि रूप क्या है?** (UP Police)
   (a) देवर्षि
   (b) देवृषि
   (c) देवऋषि
   (d) देवार्षि
5. **’पुरुष + ईश’ में कौन-सी संधि है?** (SSC CHSL)
   (a) गुण संधि
   (b) दीर्घ संधि
   (c) वृद्धि संधि
   (d) यण संधि
**उत्तर:**
1. (a) महेश
2. (a) विद्यार्थी
3. (c) चंद्रोदय
4. (a) देवर्षि
5. (a) गुण संधि
### **परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स**
1. **नियमों को कंठस्थ करें:**
   – अ/आ + इ/ई = ए
   – अ/आ + उ/ऊ = ओ
   – अ/आ + ऋ = अर्
2. **सामान्य उदाहरण याद रखें:**
   – देव + इंद्र = देवेंद्र
   – चंद्र + उदय = चंद्रोदय
   – देव + ऋषि = देवर्षि
3. **संधि विच्छेद का अभ्यास करें:**
   – महोत्सव = महा + उत्सव
   – निरीश = निः + ईश
4. **अपवादों पर ध्यान दें:**
   – प्रत्यक्ष (प्रति + अक्ष) में यण संधि होती है।
### **गुण संधि के प्रमुख उदाहरण तालिका**
| **संधि रूप** | **संधि विच्छेद** | **नियम** |
|——————–|——————–|——————-|
| **देवेंद्र** | देव + इंद्र | अ + इ = ए |
| **चंद्रोदय** | चंद्र + उदय | अ + उ = ओ |
| **विद्यार्थी** | विद्या + अर्थी | आ + अ = आ (दीर्घ)|
| **पितृण** | पितृ + ऋण | ऋ + ऋ = ऋ (अपवाद)|
### **निष्कर्ष**
गुण संधि हिंदी व्याकरण का **अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक** है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में निश्चित रूप से पूछा जाता है। इसके नियम सरल हैं, लेकिन इन्हें समझने के लिए **निरंतर अभ्यास** की आवश्यकता है। संधि-विच्छेद और संधियुक्त शब्द बनाने का अभ्यास करके आप इस खंड में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्नों का समावेश आपको परीक्षा पैटर्न समझने में मदद करेगा।
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