जैन धर्म: अहिंसा और तपस्या का मार्ग – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संपूर्ण गाइड
- जैन धर्म भारत की प्राचीन श्रमण परंपरा से उत्पन्न एक अनीश्वरवादी धर्म है, जो अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतवाद के सिद्धांतों पर आधारित है।
- यह प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, State PSCs, SSC, बैंकिंग) में प्राचीन भारतीय इतिहास और दर्शन के महत्वपूर्ण टॉपिक में से एक है।
- आइए, इसके मूल सिद्धांतों, इतिहास और प्रमुख तथ्यों को समझें।
जैन धर्म की मूलभूत अवधारणाएँ
1. तीर्थंकरों की परंपरा
- जैन धर्म में 24 तीर्थंकर (मार्गदर्शक) होते हैं।
- प्रथम तीर्थंकर: ऋषभदेव (आदिनाथ)
- अंतिम तीर्थंकर: महावीर (599-527 ई.पू.)
2. त्रिरत्न (तीन रत्न)
- सम्यक दर्शन: सही विश्वास
- सम्यक ज्ञान: सही ज्ञान
- सम्यक चरित्र: सही आचरण
3. पंच महाव्रत (पाँच प्रमुख व्रत)
- हिंसा (हिंसा न करना)
- सत्य (झूठ न बोलना)
- अस्तेय (चोरी न करना)
- अपरिग्रह (संग्रह न करना)
- ब्रह्मचर्य (इंद्रिय निग्रह)
4. अनेकांतवाद एवं स्यादवाद
अनेकांतवाद:
- वास्तविकता के अनेक पहलू होते हैं।
स्यादवाद:
- “शायद” (स्यात्) के दृष्टिकोण से विचार करना।
जन्म | 599 ई.पू., कुंडग्राम (वैशाली), क्षत्रिय परिवार में |
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माता | त्रिशला (लिच्छवी राजकुमारी) |
पिता | सिद्धार्थ (ज्ञातृक कुल के प्रमुख) |
गृहत्याग | 30 वर्ष की आयु में गृहत्याग (संथारा) |
ज्ञान प्राप्ति(कैवल्य ) | 42 वर्ष की आयु में ऋजुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया। |
प्रथम उपदेश | पावापुरी में |
मृत्यु | 527 ई.पू., पावापुरी (बिहार) |
पैरामीटर | दिगंबर | श्वेतांबर |
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वस्त्र | नग्नता (आकाश को वस्त्र) | सफेद वस्त्र |
महिला मुक्ति | नहीं (पुरुष योनि चाहिए) | संभव |
महावीर का जीवन | अविवाहित | विवाहित (यशोदा, पुत्री प्रियदर्शना) |
ग्रंथ | प्राकृत भाषा में | अर्धमागधी में |
प्रमुख केंद्र | श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) | पालीताना (गुजरात) |
### **जैन साहित्य एवं ग्रंथ**
– **आगम साहित्य:** श्वेतांबरों द्वारा मान्य।
– 12 अंग, 12 उपांग, 10 प्रकीर्णन।
– **सबसे महत्वपूर्ण:** आचारांग सूत्र (महावीर के उपदेश)।
– **दिगंबर ग्रंथ:**
– प्रमुख: **षट्खंडागम**, समयसार, तत्त्वार्थ सूत्र (उमास्वामी रचित)।
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### **जैन धर्म का प्रसार एवं योगदान**
1. **शासक संरक्षण:**
– चंद्रगुप्त मौर्य (जैन भिक्षु बने, श्रवणबेलगोला में निर्वाण)।
– कलिंग राजा खारवेल (उदयगिरि-खंडगिरि गुफाओं का निर्माण)।
– राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष (जैन धर्मावलंबी)।
2. **वास्तुकला:**
– दिलवाड़ा मंदिर (माउंट आबू), रणकपुर मंदिर (राजस्थान)।
– गोमतेश्वर बाहुबली की मूर्ति (श्रवणबेलगोला, विश्व की सबसे ऊँची एकाश्म प्रतिमा)।
3. **सांस्कृतिक योगदान:**
– **अहिंसा का सिद्धांत:** गांधीजी के आंदोलन को प्रभावित किया।
– **भाषा विकास:** प्राकृत और अपभ्रंश साहित्य को संरक्षण।
### **पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions)**
1. **जैन धर्म के त्रिरत्न कौन-से हैं?** (UPPSC 2020)
(a) अहिंसा, सत्य, अस्तेय
(b) सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र
(c) बुद्धि, योग, कर्म
(d) ज्ञान, कर्म, भक्ति
2. **महावीर स्वामी का जन्म स्थान कहाँ था?** (SSC CGL 2021)
(a) लुम्बिनी
(b) कुंडग्राम
(c) कपिलवस्तु
(d) पावापुरी
3. **जैन धर्म के किस संप्रदाय में महिलाओं को मोक्ष प्राप्ति का अधिकार है?** (MPPSC 2022)
(a) दिगंबर
(b) श्वेतांबर
(c) तेरापंथी
(d) यापनीय
4. **गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा कहाँ स्थित है?** (BPSC 2019)
(a) श्रवणबेलगोला
(b) खजुराहो
(c) महाबलीपुरम
(d) हंपी
5. **जैन धर्म में ‘स्यादवाद’ सिद्धांत किससे संबंधित है?** (UPSC CDS)
(a) अहिंसा
(b) अपरिग्रह
(c) सापेक्षवाद
(d) कर्मवाद
**उत्तर:**
1. (b) सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र
2. (b) कुंडग्राम
3. (b) श्वेतांबर
4. (a) श्रवणबेलगोला
5. (c) सापेक्षवाद
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### **परीक्षा तैयारी के लिए टिप्स**
– **महावीर vs बुद्ध:** दोनों समकालीन थे, पर जैन धर्म वैदिक यज्ञों का विरोधी था, जबकि बौद्ध धर्म मध्यम मार्ग अपनाता था।
– **प्रमुख तिथियाँ याद रखें:**
– महावीर जन्म: 599 ई.पू.
– महावीर निर्वाण: 527 ई.पू.
– **मंदिरों की सूची:**
– दिलवाड़ा (आबू), रणकपुर (राजस्थान), पालीताना (गुजरात)।
– **जैन शब्दावली:**
– **कैवल्य:** सर्वोच्च ज्ञान
– **संथारा:** स्वेच्छा से उपवास द्वारा मृत्यु
– **सल्लेखना:** शरीर का त्याग
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### **निष्कर्ष**
जैन धर्म ने **नैतिक जीवन, सादगी और अहिंसा** के माध्यम से भारतीय संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया। इसके दर्शन ने भारतीय विचारधारा में **बहुलवाद और सापेक्षवाद** की अवधारणा को समृद्ध किया। प्रतियोगी परीक्षाओं में जैन धर्म से संबंधित प्रश्न अक्सर तीर्थंकरों, सिद्धांतों और ऐतिहासिक स्थलों पर पूछे जाते हैं। इस लेख में दिए गए तथ्यों और पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास आपकी तैयारी को सुदृढ़ करेगा।
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