28 July 2025
देशज शब्द

देशज शब्द – परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और पिछले वर्षों के प्रश्न | हिंदी शब्दावली

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  • देशज शब्द: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सम्पूर्ण गाइड

देशज शब्द क्या हैं?

  • यह हिंदी भाषा के मौलिक घटक हैं जो स्थानीय भाषाओं और बोलियों से उत्पन्न हुए हैं।
  • ये शब्द किसी विदेशी या संस्कृत मूल के नहीं होते, बल्कि देशी स्रोतों से विकसित हुए हैं।
  • इन्हें “देशी शब्द” या “स्थानिक शब्द” भी कहा जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • स्थानीय भाषाओं और बोलियों से उत्पन्न
  • संस्कृत या विदेशी भाषा के प्रभाव से मुक्त
  • सरल, सहज और लोकप्रिय उच्चारण

उदाहरण:

  • खिड़की
  • पगड़ी
  • लोटा

देशज शब्दों का ऐतिहासिक विकास

प्राचीन काल:

  • मूल भारतीय भाषाओं से निर्मित

मध्यकाल:

  • अवधी, ब्रज, भोजपुरी जैसी बोलियों का योगदान

आधुनिक काल:

  • क्षेत्रीय भाषाओं के प्रभाव में विस्तार

साहित्यिक योगदान:

  • कबीर, तुलसीदास और प्रेमचंद की रचनाओं में प्रयोग

देशज शब्दों के प्रमुख प्रकार

क्षेत्रीय देशज शब्द

  • विशेष क्षेत्रों में प्रचलित शब्द:

जैसे:

  • पंजाबी
  • मराठा
  • मक्की

राजस्थानी:

  • बावड़ी
  • हवेली

बिहारी:

  • डाभ
  • लिट्टी

व्यवसायिक देशज शब्द

  • विशेष व्यवसायों से जुड़े शब्द:

उदाहरण:

कृषि:

  • हल
  • फावड़ा
  • कुदाल
  • हसिया
  • खुरपा
  • खुरपी

बुनाई:

  • चरखा
  • तकली

रसोई:

  • कढ़ाई
  • चिमटा
  • कलछुल

सांस्कृतिक देशज शब्द

  • लोक संस्कृति से जुड़े शब्द:

उदाहरण:

  • “बिदाई”, “टीका”, “मेहंदी”
  •  “ढोलक”, “चुनरी”, “अंगोछा”

देशज शब्दों के उदाहरण सहित तालिका

शब्द अर्थ क्षेत्र/उत्पत्ति
खिड़की रोशनदान उत्तर भारत
पगड़ी सिर का वस्त्र राजस्थान
झोपड़ी कुटिया ग्रामीण भारत
चिलम हुक्का का भाग उत्तर प्रदेश
लोटा पानी का पात्र पूरे भारत में
टोकरी बाँस की डलिया ग्रामीण क्षेत्र

देशज vs तद्भव vs तत्सम शब्द: तुलना

पैरामीटर देशज शब्द तद्भव शब्द तत्सम शब्द
उत्पत्ति स्थानीय भाषाएँ संस्कृत से विकसित संस्कृत के मूल रूप
उदाहरण लोटा, खिड़की आग, घर अग्नि, गृह
प्रकृति मूल निर्मित रूपांतरित अपरिवर्तित
लोकप्रियता सामान्य बोलचाल साहित्यिक और सामान्य विद्वतापूर्ण

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

1. पहचान के संकेत:

  • संस्कृत या विदेशी मूल न होना
  • स्थानीय उच्चारण और सरलता
  • लोकगीतों और बोलियों में प्रयोग

2. ऐतिहासिक महत्व:

  • भारतीय भाषाओं की मूल पहचान
  • भक्ति काल के साहित्य में व्यापक प्रयोग
  • गांधीजी द्वारा हिंदी को समृद्ध करने में योगदान

3.   शब्द निर्माण प्रक्रिया:

  • ध्वन्यात्मक परिवर्तन से मुक्त
  • क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार निर्मित
  • लोक व्यवहार से सीधे उत्पन्न

पिछले वर्षों के प्रश्न (हल सहित)

प्रश्न.   ‘देशज’ शब्द की दृष्टि से सही विकल्प है:

UPSSSC Junior Assistant  (29/06/2025):

(A) फटाफट, खचाखच, डाँडी

(B) सराय, परात, बड़बड़ाना

(C) लोकाट, ढोर, मुक्का

(D) परात, ढोर, मुक्का, काच

(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Ans (A) फटाफट, खचाखच, डाँडी)

प्रश्न:  “निम्नलिखित में कौन सा शब्द देशज शब्द है?”

UGC NET हिंदी (2023):

(a) अश्व

(b) गृह

(c) खिड़की

(d) वायु

उत्तर:  (c) खिड़की

प्रश्न:    “देशज शब्दों की मुख्य विशेषता क्या है?”

CTET हिंदी (2022):

(a) संस्कृत से व्युत्पन्न

(b) विदेशी भाषा से लिए गए

(c) स्थानीय भाषाओं से निर्मित

(d) तत्सम रूप

उत्तर:   (c) स्थानीय भाषाओं से निर्मित

प्रश्न:    “निम्न में कौन सा युग्म देशज शब्द का उदाहरण है?”

TET हिंदी (2021):

(a) अग्नि-आग

(b) गृह-घर

(c) लोटा-जलपात्र

(d) उष्ट्र-ऊँट

उत्तर:   (c) लोटा-जलपात्र

अभ्यास प्रश्नोत्तरी

  1. “पगड़ी” शब्द किस प्रकार का है?
  2. देशज और तद्भव शब्द में दो अंतर बताएँ।
  3. “चिलम” शब्द का अर्थ बताएँ और इसे किस श्रेणी में रखेंगे?

परीक्षा रणनीति और तैयारी टिप्स

मूल अंतर समझें:

  • देशज, तद्भव और तत्सम शब्दों में भेद

उदाहरण याद करें:

  • प्रत्येक श्रेणी के 10-12 प्रमुख उदाहरण कंठस्थ करें

पहचान का अभ्यास:

  • शब्द देखकर तुरंत श्रेणी बताने का प्रशिक्षण

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • भक्ति काल और आधुनिक साहित्य में देशज शब्दों का प्रयोग

पिछले प्रश्नों का विश्लेषण:

  • परीक्षा पैटर्न समझने हेतु

विशेष सुझाव:

  • डॉ. हरदेव बाहरी की पुस्तक “हिंदी शब्दावली का इतिहास” का अध्ययन करें।

देशज शब्दों का सांस्कृतिक महत्व

लोक साहित्य में:

  • लोकगीतों, कहावतों और मुहावरों की आत्मा
  • उदाहरण: “ढोल का पोल खुलना” (रहस्य खुलना)

सामाजिक पहचान:

  • क्षेत्रीय संस्कृति और पहचान का प्रतीक

उदाहरण: राजस्थानी “पगड़ी”, बंगाली “लाल पार साड़ी”

भाषाई विविधता:

  • हिंदी को समृद्ध करने में योगदान
  • अन्य भारतीय भाषाओं से शब्दों का आदान-प्रदान

साहित्यिक योगदान:

  • प्रेमचंद की कहानियों में ग्रामीण शब्दावली
  • निराला की कविताओं में लोक शब्दों का प्रयोग

निष्कर्ष

  • देशज शब्द हिंदी भाषा की जीवंत धरोहर हैं जो हमारी सांस्कृतिक पहचान और भाषाई विविधता को प्रतिबिंबित करते हैं।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में इस विषय से सम्बंधित प्रश्न अक्सर शब्द पहचान, श्रेणीकरण और विश्लेषण के रूप में पूछे जाते हैं।
  • देशज शब्दों की विशेषताओं, उनके उदाहरणों और अन्य शब्द प्रकारों से तुलना की गहन समझ परीक्षा में सफलता की कुंजी है।

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