सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला को छायावाद का महेश, महाप्राण, व बसन्त ऋतु का अग्रदूत भी कहा जाता है
- ये छायावाद के चार प्रमुख स्तम्भ में से एक है
जन्म | 1899 |
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जन्म स्थान | पश्चिम बंगाल |
पिता | पण्डित राम सहाय त्रिपाठी |
माता | पार्वती देवी |
भाषा | हिन्दी |
प्रमुख रचनाएँ | अप्सरा, नये पत्ते, मतवाला |
मृत्य | 15 अक्टूबर 1961 |
उपन्यास | प्रकाशित वर्ष |
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अलका | 1933 |
प्रभावती | 1936 |
निरुपमा | 1936 |
अप्सरा | 1931 |
कुल्ली भाट | 1938 |
बिल्ले सुर बकरिहा | 1942 |
चोटी पकड़ | 1946 |
काले कारनामे | 1950 |
काव्य संग्रह | प्रकाशित वर्ष |
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अनामिका | 1923 |
परिमल | 1930 |
गीतिका | 1936 |
तुलसीदास | 1938 |
कुकुरमुत्ता | 1942 |
अणिमा | 1943 |
नये पत्ते | 1946 |
बेला | 1951 |
निबन्ध संग्रह | प्रकाशित वर्ष |
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प्रबन्ध पद्य | 1934 |
प्रबन्ध प्रतिमा | 1940 |
चाबुक | – |
चयन | – |
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की कहानी
- लिली
- सखी
- दो घड़े
- चतुरी चमार
- सुकुल की बीवी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की पत्रिका
- मतवाला
आत्मकथा
- कुल्ली भाट (1941)
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