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अर्थशास्त्र (Economics)
- अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ आचार्य चाणक्य ने लिखा था।
- आचार्य चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के प्राचार्य थे।
- आचार्य चाणक्य का नाम विष्णु गुप्त था।
अर्थशास्त्र ग्रन्थ में
- 15 अधिकरण
- 180 प्रकरण
- 6000 श्लोक
सप्तांग सिद्धांत
- आचार्य चाणक्य ने सप्तांग सिद्धांत दिए
- राजा
- आमात्य
- जनपद
- दुर्ग
- कोष
- दण्ड
- मित्र
अर्थशास्त्र का अर्थ
- अर्थशास्त्र दो शब्दों से मिलकर बना है अर्थ + शास्त्र
- अर्थ का आशय धन होता है और शास्त्र का आशय अध्ययन होता है अर्थात धन के अध्ययन को अर्थशास्त्र कहा जाता है
- अर्थशास्त्र को ग्रीक भाषा में ओइकोनोमिया कहा जाता था
- ओइकोनोमिया शब्द का प्रयोग अरस्तु के किया
- ओइकोनोमिया दो शब्दों से मिल कर बना है ओइकोस (Domestic) + नोमोस (Management) अर्थात घरेलू प्रबंधन
अर्थशास्त्र के पिता
- एडम स्मिथ अर्थ शास्त्र के पिता माने जाते है।
- एडम स्मिथ स्विट्जरलैंड के रहने वाले थे।
- इन्होंने इसे धन का विज्ञान कहा
- एडम स्मिथएडम स्मिथ ने the Wealth of Nation नामक पुस्तक की रचना की।
- एडम स्मिथ ने दो शब्दों का प्रयोग किया
- वस्तु (Goods)
- सेवा (Service)
भारतीय अर्थशास्त्र के पिता
- डाक्टर एम विश्व श्वरैया भारतीय अर्थ शास्त्र के पिता माने जाते है।
- डाक्टर एम विश्व श्वरैया की पुस्तक the Plan Economy for India सन् 1934 में प्रकाशित हुई।
अर्थशास्त्र की परिभाषा
- अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत मनुष्य की आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है
आर्थिक गतिविधि
- उत्पादन (Production)
- उपभोग (Consume)
- निवेश (Invest)
- विनिमय (Exchange)
- वितरण (Distribute)
उत्पादन (Production)
- उत्पादन दो प्रकार से होता है
- वस्तु का उत्पादन (Goods Production)
- सेवा उत्पादन (Service Production)
उत्पादन के साधन
- उत्पादन के मुख्यतः पांच साधन होते है
- साहस
- भूमि (Land)
- पूँजी (Capital)
- श्रम
- संगठन