पुष्यमित्र शुंग: मौर्य साम्राज्य का अंत और शुंग वंश की स्थापना
जन्म | अज्ञात |
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पद | मौर्य सेना का प्रमुख सेनापति |
सत्ता प्राप्ति | 185 ई.पू. में बृहद्रथ की हत्या कर |
राज्याभिषेक | पाटलिपुत्र में |
शासनकाल | 36 वर्ष (185-149 ई.पू.) |
मृत्यु | 149 ई.पू. |
पुष्यमित्र शुंग: परिचय
- पुष्यमित्र शुंग प्राचीन भारत के शुंग वंश का संस्थापक था जिसने 185 ई.पू. में मौर्य साम्राज्य का अंत करके एक नए राजवंश की स्थापना की।
- वह मौर्य सेना का सेनापति था जिसने बृहद्रथ की हत्या कर सत्ता हथिया ली।
शासनकाल की प्रमुख घटनाएँ
- साम्राज्य विस्तार
- धार्मिक नीतियाँ
- सांस्कृतिक योगदान
- प्रशासनिक व्यवस्था
- मृत्यु और उत्तराधिकार
साम्राज्य विस्तार
- मध्य भारत तक शुंग साम्राज्य का विस्तार
- विदर्भ क्षेत्र पर विजय
- यूनानी आक्रमणकारियों का सामना
धार्मिक नीतियाँ
- ब्राह्मण धर्म का संरक्षण
- बौद्ध धर्म के प्रति विरोधी रवैया (विवादास्पद)
- अश्वमेध यज्ञ का आयोजन
सांस्कृतिक योगदान
- संस्कृत साहित्य को प्रोत्साहन
- भरहुत स्तूप का निर्माण
- वैदिक परम्पराओं को पुनर्जीवित करना
प्रशासनिक व्यवस्था
- मौर्य प्रशासनिक ढाँचे को जारी रखा
- प्रांतीय शासन को सुदृढ़ बनाया
- सैन्य संगठन पर विशेष ध्यान
मृत्यु और उत्तराधिकार
- मृत्यु:⇒ 149 ई.पू. (अनुमानित)
- उत्तराधिकारी:⇒ अग्निमित्र
- शासनकाल:⇒ 36 वर्ष (185-149 ई.पू.)
ऐतिहासिक स्रोत
- पुराणों में उल्लेख
- बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान
- हर्षचरित (बाणभट्ट)
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- शासनकाल:⇒ 185-149 ई.पू.
- राजधानी:⇒ पाटलिपुत्र (बाद में विदिशा)
- प्रमुख उपलब्धि:⇒ मौर्य साम्राज्य का अंत
- धार्मिक नीति:⇒ ब्राह्मण धर्म का पुनरुत्थान
विवादास्पद पहलू
- बौद्ध विहारों को नष्ट करने का आरोप
- बौद्ध स्रोतों द्वारा आलोचना
- हिन्दू स्रोतों द्वारा प्रशंसा
निष्कर्ष
- पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारत में एक नए राजवंश की स्थापना की।
- इनका शासनकाल धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काल था।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर उनके शासनकाल और धार्मिक नीतियों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।