18 June 2025

लोकोक्तियां | Lokoktiyan

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लोकोक्तियां

लोकोक्तियां अर्थ
अरहर की टट्टी गुजरती ताला छोटी वस्तु की सुरक्षा में अधिक खर्च करना
आसमान से गिरा खजूर पर अटका एक समस्या से निकल कर दुसरे में फसना
अंधेर नगरी चौपट राजा सब के सब मुर्ख(जैसा राजा वैसा ही प्रजा )
ऊँची दुकान फीकी पकवान बहुत बड़ा नाम काम बहुत छोटा
का बरखा जब कृषि सुखाने उचित समय पर कार्य न होना
जैसा देश वैसा भेष परिस्थिति के अनुसार बदलना
दाल भात में मूसलचन्द अनावस्यक हस्तक्षेप करना
ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी न ही इतनी व्यवस्था हो पायेगी न ही कार्य होगा
नौ दिन चले आढ़ई कोस बहुत धीमी गति से कार्य करना
नांच ना आवे आंगन टेढ़ा कमी खुद में आरोप दुसरो पर लगाना
मान न मान मै तेरा मेहमान जबरदस्ती किसी के गले पड़ना
छछुंदर के सिर पर चमेली का तेल अयोग्य व्यक्ति को उच्च पद प्राप्त हो जाना
दूध का जला हुआ छाछ को फुक फुक पीता है एक बार हानि हो जाने पर बहुत सोच विचार कर कार्य करना
दुधारू गाय की लात ही सही बहुत लाभ वाली वस्तु की कुछ कमियों को नजरअंदाज किया जाता है
दूध का दूध पानी का पानी निष्पक्ष न्याय करना
देशी कौवा विलाती बोल बेमेल कार्य करना
नेकी कर नदी में डाल भलाई करके भूल जाना
कछुआ की चाल चलना बहुत धीमी गति से कार्य करना
नौ की लकड़ी नब्बे की खर्चा जरूरत से बहुत ज्यादा खर्च करना
नौ नगद न तेरह उधार उधार की वस्तु अधिक मंहगी होती होती है
पूत के पाव पालने में ही नजर आते है गुणवान के लक्षण बचपन में ही पता चल जाता है
पत्थर को जोंक नही लगती कमजोर व्यक्ति को ज्यादा समस्या होती है
पढ़े फारसी बेचे तेल यह देखो कुदरत का खेल किस्मत का मारा व्यक्ति /भाग्य साथ न देना
पर उपदेश कुशल बहु तेरे दुसरो को उपदेश देना सरल होता है जबकि उसको अपनाना कठिन होता है
पल में तोला पल में मासा व्यक्ति का पल भर में बदल जाना
फिसल गये तो हर हर गंगे असावधानी पूर्वक कार्य करने पर भी लाभ प्राप्त करना
मुख में राम बगल में छुरी बनावटी मित्रता करके मौका मिलने पर हानि पहुचना/कपटी मित्र
बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद किसी वस्तु के विशेषता को न पहचानना
बालू की भीति अस्थायी वस्तु
बासी बचे न कुत्ता पाए बहुत सिमित खर्च करना
मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक सिमित क्षेत्र तक ही कार्य करना
न रहे बांस न बजे बासुरी समस्या के कारण को ख़त्म करने पर समस्या स्वत: ही नष्ट हो हो जाती है
यथा नाम जथा गुण जैसा नाम है वैसा गुण होना
राम-राम जपना, पराया मॉल अपना ढोगी होना
राम मिलाई जोड़ी एक काना एक कोढ़ी असमान लोग का मेल होना
लकीर का फ़कीर होना परंपरागत होना
सांप  मर जाये और लाठी न टूटे कार्य भी हो जाये और कुछ भी हानि भी न हो
आँख का अन्धा नाम नयन सुख नाम के विपरीत कार्य
लड़को में लड़का और बूढ़ों में बुढा परिस्थित के अनुसार घुल जाना
ढ़ाक के तीन पात ज्यो का त्यों बना रहना
सांच बराबर तप नही झूठ बराबर पाप सत्य के सामान तप नही झूठ से बड़ा कोई पाप नही
न सावन का सुखा न भादो का हरा हर समय सामान रहना
हींग लगे न फिटकिरी, रंग चोखा ही आये बिना लागत के अच्छा कार्य होना
पेड़ से गिरा खजूर पर अटका एक समस्या से निकल कर दुसरे समस्या में फसना
सीधी ऊँगली से घी नही निकलता विनम्रता से कार्य पूर्ण नही हो सकता
रात पड़े उपासी, दिन में खोजे बासी बहुत ही निर्धनता आ जाना
बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख धनी व्यक्ति को ही बिना मिलता है, निर्धन व्यक्ति को मांगने पर भी नही मिलता
भागते भूत की लागोती ही सही सब कुछ जाने पर जो मिल जाये वही सही है

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