Home page पर जाए | Telegram | Facebook Page
गंगा नदी तंत्र
- गंगा नदी तंत्र भारत की सबसे बड़ी नदी तंत्र है
- गंगा नदी तंत्र के अन्तर्गत वे सभी नदियों का अध्ययन किया जाता है जो गंगा नदी में मिल जाती है
- गंगा नदी तंत्र अन्तर्गत निम्न नदियाँ आती है
- रामगंगा नदी
- यमुना नदी
- घाघरा नदी
- राप्ती नदी
- गोमती नदी
- गंडक नदी
- कोसी नदी
- सोन नदी
गंगा नदी
- लम्बाई ⇒ 2525 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ गंगोत्री के निकट गोमुख से
- गंगा नदी पश्चिम बंगाल में दो भागों में विभाजित हो जाती है
- सहायक नदी महानंदा
- एक भाग बांग्लादेश चली जाती है
- गंगा नदी को बांग्लादेश में पद्मा के नाम से जाना जाता है
- ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में जमुना नदी कहते है
- जमुना और पद्मा जब मिल जाती है तो उसे मेघना नदी कहते है
- मेघना नदी बंगाल के खाड़ी में गिरती है
- दूसरा भाग हुगली के नाम से जाना जाता है
- दामोदर नदी झारखण्ड से बहती हुयी हुगली नदी में मिल जाती है
- हुगली नदी पर कोलकाता बन्दरगाह अवस्थित है
- गंगा नदी भारत के पांच राज्यों से होकर बहती है
- उत्तराखण्ड
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- झारखण्ड(सीमा से लगते हुए बहती है)
- पश्चिम बंगाल
गंगा नदी की उत्पति
- शंतोपथ हिमानी(ग्लेशियर) से दो नदियाँ धौलीगंगा और विष्णु गंगा निकलती है
- धौलीगंगा और विष्णु गंगा नदी के संगम स्थान को विष्णु प्रयाग कहा जाता है
- धौलीगंगा और विष्णु गंगा नदी मिलकर बनी नदी अलकनंदा नदी कहलाती है
- अलकनंदा नदी में नन्दाकनी नदी आकर मिलती है, मिलन स्थान को नन्द प्रयाग कहा जाता है
- अलकनंदा नदी + नन्दाकनी ⇒ अलकनंदा नदी
- अलकनंदा नदी में पिंडार नदी आकर मिलती है, मिलन स्थान को कर्ण प्रयाग कहा जाता है
- अलकनंदा नदी + पिंडार नदी ⇒ अलकनंदा नदी
- अलकनंदा नदी में मंदाकनी नदी के मिलन स्थान को रूद्र प्रयाग कहा जाता है
- अलकनंदा नदी + मंदाकनी नदी ⇒ अलकनंदा नदी
- गंगोत्री हिमानी (ग्लेशियर) से भागीरथी नदी निकलती है
- अलकनंदा नदी में भागीरथी नदी के मिलन स्थान को देव प्रयाग कहा जाता है
- देवप्रयाग से इन नदियों को गंगा नदी ने नाम से पुकारा जाता है
पंच प्रयाग
- विष्णु प्रयाग ⇒ धौलीगंगा + विष्णु गंगा
- नन्द प्रयाग ⇒ अलकनंदा + नंदाकनी
- कर्ण प्रयाग ⇒ अलकनंदा + पिंडार
- रूद्र प्रयाग ⇒ अलकनंदा + मंदाकनी
- देव प्रयाग ⇒ अलकनंदा + भागीरथी
प्रयागराज
- गंगा और यमुना नदी के संगम स्थल पर (प्रयागराज ) में प्रत्येक 12 वर्ष पर कुम्भ और 6 वर्ष पर अर्द्ध कुम्भ मेले का आयोजन होता है
गंगा नदी के किनारें बसे प्रमुख नगर
- हरिद्वार
- कन्नौज
- कानपुर
- प्रयागराज
- वाराणसी
- गाजीपुर
- पटना
गंगा सहायक नदी
- रामगंगा नदी
- यमुना नदी
- घाघरा नदी
- राप्ती नदी
- गोमती नदी
- गंडक नदी
- कोसी नदी
- सोन नदी
यमुना नदी
- यह गंगा नदी तंत्र की दूसरी सबसे बड़ी नदी है
- लम्बाई ⇒ 1375 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ उत्तराखण्ड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है
- यमुना नदी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी में मिल जाती है
यमुना नदी के किनारें बसे प्रमुख नगर
- दिल्ली
- मथुरा
- आगरा
- इटावा
- प्रयागराज
यमुना की सहायक नदी
यमुना नदी की कई सहायक नदी है जो निम्न है
- चंबल नदी
- सिंध नदी
- बेतवा नदी
- केन नदी
- टोंस नदी
- हिन्डन नदी
- काली नदी
- गिरी नदी
चम्बल नदी
- लम्बाई ⇒ 960 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से
चम्बल की सहायक नदी
- काली सिंध नदी
- सिप्ता नदी
- पार्वती नदी
- बनास नदी
बेतवा नदी
- लम्बाई ⇒ 480 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
रामगंगा नदी
- लम्बाई ⇒ 690 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ नैनीताल के निकट एक हिमनदी से
गोमती नदी
- उद्गम ⇒ पीलीभीत ज़िले के फुलल्हर झील से निकलती है
- यह नदी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में मिल जाती है
गोमती नदी के किनारें बसे प्रमुख नगर
- लखनऊ
- सुल्तानपुर
- जौनपुर
घाघरा नदी
- लम्बाई ⇒ 1080 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ मप्सातुंग (नेपाल)
घाघरा नदी की सहायक नदी
- शारदा नदी
- करनली नदी
- कुआनों नदी
- राप्ती नदी
- चौकिया नदी
गंडक नदी
- लम्बाई ⇒ 425 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट
- यह बिहार में गंगा नदी में मिल जाती है
गंडक नदी की सहायक नदी
- काली गंडक नदी
- त्रिशूल नदी
- गंगा नदी
कोसी नदी
- लम्बाई ⇒ 730 किलोमीटर
- उद्गम स्थल ⇒ नेपाल में सप्तकोशिकी(गोंसाईधाम)
- यह गंगा नदी तंत्र की सबसे ज्यादा मार्ग बदलने वाली नदी है
- इसे बिहार का शोक भी कहा जाता है
कोसी की सहायक नदी
- इन्द्रावती नदी
- तामुर नदी
- अरुण नदी
सोन नदी
- यह विंध्याचल पर्वत के अमरकंटक से निकलती है
- यह बिहार के सोनपुर में गंगा नदी में मिल जाती है
- यह गंगा नदी तंत्र की दायें ओर से मिलने वाली नदी है
सिन्धु नदी तंत्र को देखने के लिए क्लिक करें