प्रस्तावना
हम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त लोगो को सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा अवसर की समानता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा राष्ट्र की एकता अखंडता सुनिश्चित करने वाली तथा बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवम्बर 1949
प्रस्तावना में तीन प्रकार की न्याय की बात की गई है
- सामाजिक न्याय
- आर्थिक न्याय
- राजनैतिक न्याय
- प्रस्तावना संविधान की आत्मा है ⇒ हिदायतुल्लाह
- प्रस्तावना को अमेरिका के संविधान से लिया गया है
- प्रस्तावना की भाषा आस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है
प्रस्तावना के बारे में कथन
- प्रस्तावना को उद्देशिका भी कहा जाता है
- प्रस्तावना को संविधान की कुंजी कहा जाता है
प्रस्तावना में संशोधन
- 42वा संविधान 1946 में प्रस्तावना में अबतक केवल एक बार संशोधन किया गया है
- इस संशोधन द्वारा तीन शब्द शब्द जोड़े गये
- पंथ निरपेक्ष
- अखण्डता
- समाजवाद
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धान्त को किस देश के संविधान से लिया गया है?
SSC CPO 2022
- यूनाइटेड किंगडम
- फ्रांस
- आयरलैण्ड
- कनाड़ा
Ans फ़्रांस
भारत के संविधान में किस संशोधन में भारत के वर्णन को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य से संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया और साथ ही राष्ट्र की एकता शब्द को राष्ट्र की एकता और अखंडता में बदल दिया गया?
SSC CPO 2022
- 42वे
- 44वे
- 52वे
- 56वे
उत्तर 42वे 1976