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संसद
- संसद का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 में किया गया है
- भारत में संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है
- संसद के सदस्य को सांसद कहा जाता है
संसद के अंग
- संसद के तीन अंग होते है
- राष्ट्रपति ⇒ अनुच्छेद 52
- राज्यसभा ⇒ अनुच्छेद 80
- लोकसभा ⇒ अनुच्छेद 81
राष्ट्रपति
- राष्ट्रपति का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 52 में किया गया है
- वह भारत का प्रथम नागरिक होता है
- संसद के दोनों सदनों विधेयक पास होने के पश्चात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून बनता है
- राष्ट्रपति की अधिक जानकारी के लिए पर क्लिक करे
राज्यसभा
- इसे उच्च सदन कहते है
- संघीय सदन भी कहते है
- संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्यसभा का प्रावधान है
- इसके सदस्य अप्रत्यक्ष गुप्त निर्वाचन द्वारा चुने जाते है
- भारत के उपराष्ट्रपति सदन के पदेन सभापति होते है
- सभापति सदन की अध्यक्षता करता है
- जब सभापति सदन में अनुपस्थित रहता है हो उपसभापति सदन की अध्यक्षता करता है
- राज्यसभा की अधिक जानकारी के लिए पर क्लिक करे
लोकसभा
- संविधान के अनुच्छेद 81 में लोकसभा का प्रावधान है
- इसे निम्न सदन कहते है
- इसे जनता का सदन भी कहते है
- इसके सदस्य प्रत्यक्ष गुप्त निर्वाचन द्वारा चुने जाते है
- लोकसभा अध्यक्ष सदन का सदस्य होता है
- लोकसभा की अधिक जानकारी के लिए पर क्लिक करे
गणपूर्ति | कोरम
- संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होने के लिए कोरम (गणपूर्ति ) आवश्यक है
- गणपूर्ति के लिए सदन की कुल सदस्य का 10 प्रतिशत सदस्य सदन में उपस्थित होना अनिवार्य है
संसदीय सदस्यों की योग्यता
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 में संसदीय सदस्यों की योग्यता का उल्लेख किया गया है
- वह भारत का नागरिक हो
- वह पागल या दिवालिया ना हो
- वह निर्वाचन आयोग नियमावली का पालन करता हो
- वह लाभ के पद पर ना हो
संसद के सत्र
- संसदीय सत्र का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 85 में किया गया है
- संसद के किन्ही दो सत्रों के बीच समय अन्तराल छ: माह से अधिक नही हो सकता
- जब संसद सत्र में नही होती हो इसे विश्राम काल कहते है
- विश्रामकाल में आवश्यकता पढने पर राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश लाया जा सकता ह%A