मुहम्मद बिन तुगलक: एक विवादास्पद शासक
जन्म | 1290 ई. |
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शासनकाल | 1325-1351 ई. |
उपाधि | एक सनकी शासक” (इतिहासकारों द्वारा) |
राजधानी परिवर्तन | दिल्ली से दौलताबाद |
मुद्रा | ताबें का सिक्का |
मृत्यु | 1351 ई |
मुहम्मद बिन तुगलक: परिचय
- मुहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.) दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश का एक प्रमुख शासक था।
- वह गयासुद्दीन तुगलक का पुत्र था और अपने विचित्र निर्णयों के कारण इतिहास में “विवादास्पद शासक” के रूप में जाना जाता है।
- उसके शासनकाल को सुधार और असफलताओं का मिश्रण माना जाता है।
मुहम्मद बिन तुगलक के प्रमुख कार्य एवं नीतियाँ
राजधानी परिवर्तन (दिल्ली से दौलताबाद)
- मुहम्मद बिन तुगलक ने 1327 ई. में दिल्ली से दौलताबाद (देवगिरि) को राजधानी बनाने का आदेश दिया।
उद्देश्य:
- दक्कन पर नियंत्रण बढ़ाना और पूरे भारत पर शासन करना।
परिणाम:
- यह योजना असफल रही क्योंकि दौलताबाद की जलवायु और सुविधाएँ दिल्ली जैसी नहीं थीं।
- अंततः राजधानी वापस दिल्ली लानी पड़ी।
टोकन मुद्रा (ताँबे के सिक्के) का प्रचलन
- उसने सोने-चाँदी के सिक्कों के स्थान पर ताँबे के सिक्के चलाए।
उद्देश्य:
- राजकोष में धन की कमी को दूर करना।
परिणाम:
- नकली सिक्कों की भरमार हो गई, जिससे अर्थव्यवस्था चरमरा गई। अंततः इस योजना को वापस लेना पड़ा।
कृषि सुधार (दीवान-ए-कोही)
- उसने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नए विभाग “दीवान-ए-कोही” की स्थापना की।
उद्देश्य:
- बंजर भूमि को उपजाऊ बनाना और किसानों को सहायता प्रदान करना।
परिणाम:
- यह योजना भी सफल नहीं हो पाई क्योंकि प्रशासनिक त्रुटियों के कारण किसानों को पर्याप्त सहायता नहीं मिली।
सैन्य अभियान एवं विद्रोह
- मुहम्मद बिन तुगलक ने मंगोलों के खिलाफ कार्रवाई की और उत्तर-पश्चिमी सीमा सुरक्षित करने का प्रयास किया।
विद्रोह
- उसके शासनकाल में कई विद्रोह हुए,
- जैसे:—
- बंगाल का विद्रोह
- माबार (दक्षिण भारत) का विद्रोह
- सिंध और गुजरात में असंतोष
मुहम्मद बिन तुगलक की विरासत
- इब्न बतूता, जो उसके दरबार में आया था, ने उसे “एक विद्वान और उदार शासक” बताया, लेकिन उसकी नीतियों की आलोचना भी की।
- उसकी असफल नीतियों के कारण दिल्ली सल्तनत कमजोर हुई और बाद में फिरोजशाह तुगलक को सुधार करने पड़े।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- जन्म:⇒ 1290 ई.
- शासनकाल:⇒ 1325-1351 ई.
- उपाधि:⇒ “एक सनकी शासक” (इतिहासकारों द्वारा)
- मृत्यु:⇒ 1351 ई. (सिंध के थट्टा में)
निष्कर्ष
- मुहम्मद बिन तुगलक एक प्रतिभाशाली किंतु विवादास्पद शासक था।
- उसकी योजनाएँ महत्वाकांक्षी थीं, लेकिन क्रियान्वयन में कमियों के कारण वे असफल रहीं।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर उसके शासनकाल से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।