खिलजी वंश
- जलालुद्दीन खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना किया
- खिलजी वंश में तीन शासक हुए
- जलालुद्दीन खिलजी
- आलउद्दीन खिलजी
- कुतुबुद्दीन मुबारख शाह खिलजी
1. जलालुद्दीन खिलजी
- इसका पूरा नाम जलालुद्दीन-फिरोज-खिलजी था
- इसने खिलजी वंश की स्थापना किया
- इसका भतीजा आलउद्दीन खिलजी था
- इसकी हत्या आलउद्दीन खिलजी ने किया था
2. आलउद्दीन खिलजी
- इसके बचपन का नाम अली गुरसप था
- इसने खुद को द्वितीय सिकन्दर घोषित किया
- इसने खलीफा के पद को स्वीकार किया
- अलाइ-मीनार का निर्माण कराया
- इसके शासनकाल में सर्वाधिक मंगोल आक्रमण हुआ
- इसके सेनापति जाफर खान मंगोलों से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ
- इसने गुजरात आक्रमण किया
- इसने 1303 में चितौड़ अभियान किया
बाजार व्यवस्था
- बाजार नियंत्रण प्रणाली
- मूल्य नियंत्रण प्रणाली
- सार्वजानिक वितरण प्रणाली
सैनिक व्यवस्था
- घोड़ो को दागने की व्यवस्था
- स्थायी सेना रखने की व्यवस्था व्यवस्था किया
- इसने इकता व्यवस्था को समाप्त किया
- सैनिकों को वार्षिक वेतन देने की व्यवस्था किया
- इसने सैनिकों की हुलिया रंगने की व्यवस्था किया
3. कुतुबुद्दीन मुबारख शाह खिलजी
- इसने खुद को खलीफा घोषित किया
- यह महिलओं के वस्त्र धारण कर दरबार में आ जाया करता था
- इसकी हत्या खुसरों खान से किया
- खुसरों खान की हत्या गयासुतद्दीन तुगलक़ ने किया
तुगलक़ वंश
- खिलजी वंश के बाद दिल्ली सल्तनत में तुगलक़ वंश का उदय हुआ
- गयासुतद्दीन तुगलक़ ने तुगलक वंश की स्थापना किया
- गयासुद्दीन तुगलक़
- मोहम्मद बिन तुगलक
- फिरोज शाह तुगलक़
- नसीरुद्दीन शाह महमूद तुगलक़
1. गयासुद्दीन तुगलक़
- इसने तुगलक वंश किस स्थापना किया
- इसका असली नाम गाजी मालिक था
- इसका प्रमुख अभियान बंगाल अभियान था
- इसने दिल्ली के निकट तुगलकाबाद नगर का निर्माण किसने करवाया
- इसने सिंचाई के लिए कुएं और नहरों का निर्माण करवाया
2. मोहम्मद बिन तुगलक
- इसका असली नाम जौना खान
- यह बहुत पढ़ा लिखा शासक था
- यह 23 भाषाओ का जानकार था
- इसके दरबार में विदेशी यात्री इब्नबतुता मोरक्को से आया था
- इसने इब्नतुता को दिल्ली का काजी नियुक्त किया
- इसने द्वाब में कर वृद्धि कर दिया
- इसने दीवान-ए-कोही(कृषि) विभाग की स्थापना किया
- भारत में प्रतीक मुद्रा शुरू करने वाला पहला शासक बना
- इसने ताबे का सिक्का चलाया
- इसने राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद हतान्त्रित किया
- इसे सनकी, स्वपनसीन, पागल, रक्त पिपाशु शासक कहा गया
3. फिरोज शाह तुगलक़
कार्यकाल (1351→1388)
- इसने ब्राह्मणों पर जजिया कर लगाया
- बाग-बगीचा लगवाया
- इसके शासनकाल में सर्वाधिक दास रहते थे
- इसने दासों की देखभाल के लिए दीवान-ए-बन्दगान विभाग की स्थापना किया
- इसने ग़रीब असहाय के लिए दीवान-ए-खैरात विभाग की स्थापना किया
- नहरों का जाल बिछाया
- नगरों का निर्माण करवाया
- दार-उल-सफा(अस्पताल ) का निर्माण करवाया
- इसे सल्तनत काल का अकबर कहा जाता है
- इसने सम्राट अशोक के टोपरा अभिलेख को दिल्ली लाया
- यह बेरोजगारी भत्ता देता था
- इसने दिल्ली में कोटला दुर्ग का निर्माण करवाया
- इसने हिन्दू धर्म ग्रंथो का फारसी में अनुवाद करवाया
फिरोजशाह तुगलक द्वारा स्थापित प्रमुख नगर
- फिरोजाबाद
- फिरोजपुर
- जौनपुर (भारत का सिराज कहा जाता था)
- हिसार
- फतेहाबाद
फिरोजशाह तुगलक के प्रमुख कर
- खरास
- खम्स
- जजिया
- जकात
4. नसीरुद्दीन शाह महमूद
- यह तुगलक वंश का अन्तिम शासक बना
- तैमूर के आक्रमण से यह दिल्ली छोड़ कर भाग गया
सैयद वंश
- खिज्र खान ने सैयद वंश की स्थापना किया
लोदी वंश
- बहलोल लोदी ने लोदी वंश की स्थापना किया
सिकन्दर लोदी
- इसने भूमि मापन के लिए गज-ए-सिकन्दरी को चलाया
- इसने आगरा शहर की स्थापना किया
लोदी वंश
- लोदी वंश का कार्यकाल 1451 से 1526 तक चला
- दिल्ली की गद्दी पर प्रथम अफगान वंश
- लोदी वंश के शासक निम्न है
- बहलोल लोदी
- सिकन्दर लोदी
- इब्राहिम लोदी
1. बहलोल लोदी
- बहलोल लोदी ने लोदी वंश की स्थापना की
- बहलोल लोदी का कार्यकाल 1451 से 1489 तक रहा
- दिल्ली सल्तनत में इसका सबसे लम्बा कार्यकाल रहा
- यह दरी पर बैठकर शासन करता था
2. सिकन्दर लोदी
- इसका कार्यकाल 1489 से 1517 तक रहा
- इसने 1504 में आगरा नगर की स्थापना किया
- इसने 1504 में आगरा की अपनी राजधानी स्थापित किया
- यह गुलरुखी शीर्षक से कविता लिखा करता था
- इसके समकालीन महान व्यक्ति कबीरदास, गुरुनानक देव और राणा सांगा थे
- इसने मुहर्रम पर तजिया निकलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया
- इसने गंगा और यमुना नदी में स्नान करने पर रोक लगा दिया
- इसने मथुरा में ज्वलामुखी मंदिर को तोड़वा दिया
- इसने भूमि मापने के लिए गज-ए-सिकन्दरी लागू किया
- गले की बीमारी के कारण इसकी मृत्यु हो गयी
3. इब्राहिम लोदी
- यह दिल्ली सल्तनत का अन्तिम शासक था
- 1518 ई. में खतौली का युद्ध इब्राहिम लोदी और राणा सांगा के बीच हुआ जो अनिर्णायक रहा
- 21 अप्रैल 1526 ई. में पानीपत का प्रथम युद्ध इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुआ जिसमे बाबर विजयी हुआ
- यह युद्ध भूमि में मारा गया