24 April 2025
रक्षा प्रौद्योगिकी

भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी | रक्षा प्रौद्योगिकी

भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान | (DRDO)

 स्थापना : 1958
वर्तमान अध्यक्ष :

भारतीय रक्षा संस्थान

भारतीय थल सेना प्रशिक्षण संस्थान

  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) National Defense Academy : खड़गवासला
  • नेवल कॉलेज ऑफ इंजीनीयरिंग : लोनवाला
  • नेशनल डिफेंस कॉलेज नई दिल्ली
  • इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून (उत्तराखण्ड)
  • इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून (उत्तराखण्ड)
  • रक्षा प्रबन्धन संस्थान सिकन्दराबाद
  • एयरफोर्स फ्लाइंग कॉलेज जोधपुर (राजस्थान)
  • एयरफोर्स अकादमी हैदराबाद (तेलंगाना )
  • हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु (कर्नाटक )

भारतीय शिपयार्ड

  • गार्डन रीचशिप बिल्डर्स लिमिटेड कोलकाता 
  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड वास्कोडिमा
  • मुझगाँव डाक लिमिटेड  मुम्बई
भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड बेंगलुरु (कर्नाटक )
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड हैदराबाद (तेलंगाना )
मिश्र धातु निगम लिमिटेड हैदराबाद (तेलंगाना )

भारतीय प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम

  • भारतीय मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत 1983 में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में किया गया

अग्नि

  • यह सतह से सतह पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है।
 इसकी प्रमुख श्रेणीयां निम्नवत है
  1. अग्नि-I : मारक क्षमता (700 – 1200) किलोमीटर
  2. अग्नि-II : मारक क्षमता (2000 – 3000) किलोमीटर
  3. अग्नि-III : मारक क्षमता (3000 – 4000) किलोमीटर
  4. अग्नि-IV : मारक क्षमता (4000 – 5000) किलोमीटर
  5. अग्नि-V: मारक क्षमता (5000) किलोमीटर से अधिक 

पृथ्वी :-

प्रथम परीक्षण

  • परीक्षण तिथि : 25 फरवरी 1988
  • परीक्षण स्थान: चाँदीपुर परीक्षण केन्द्र
  • यह सतह से सतह पर कम दूरी तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  • यह बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है।
  1. पृथ्वी-I : मारक क्षमता 150 किलोमीटर (थल सेना)
  2. पृथ्वी-II : मारक क्षमता 250 किलोमीटर (वायु सेना)
  3. पृथ्वी-III : मारक क्षमता 350 किलोमीटर (नौसेना)

ब्रम्होस

  • यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है
  • इसे  भारत एवं सोवियत रूस ने मिलकर बनाया है
  • इस मिसाइल का नाम भारत के ब्रह्मपुत्र नदी तथा रूस के मोस्कोवा नदी के नाम पर रखा गया है
  • इसकी मारक क्षमता  290 किमी. तक है
  • युद्ध सामग्री ले जाने की क्षमता 200-300 किलोग्राम
  • ब्रम्होस II का निर्माण किया जा रहा है

ब्रम्होस के तीन संस्करण है।

  1. स्थल
  2. वायु
  3. नौ संचालन

धनुष :-

  • यह पृथ्वी का नौसेनिक संस्करण है।
  • यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल  है।
  • इसकी मारक क्षमता 150 – 300 किमी. तक है।

प्रद्युमन :-

  • यह एक इंटरसेप्टर प्रक्षेपास्त्र है।
  • यह दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र को हवा में ही बहुत कम दूरी पर मार गिरा सकता है।

आकाश

  • इसकी मारक क्षमता 25 किमी है
  • यह मध्य दूरी  की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल है
  • यह एक साथ पाँच विमान या मिसाइल को निशाना बना सकता है
  • इसके प्रणोदक में रामजेट सिद्धान्त का प्रयोग किया गया है
  • यह भारतीय वायुसेना तथा थलसेना से शामिल प्रक्षेप अस्त्र है

त्रिशूल

  • सतह से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  • इसकी मारक क्षमता 500 मीटर से 9 किमी. तक है।
  • इसके नौसैनिक संस्करण को टारपीडो Mk-2 भी कहा जाता है।

नाग

  • यह टैंक भेदी संचालित प्रक्षेपास्त्र (फायर एण्ड फोरगेट) है।
  • इसकी मारक क्षमता 4 किमी. है।
  • इसमें फोकल प्लेन रे तकनीक का प्रयोग किया जाता है।

अस्त्र

  • हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  • मारक क्षमता 25-40 किलोमीटर तक है।

सूर्य :-

  • यह एक अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है
  • इसकी मारक क्षमता 5000 किमी. तक है

पिनाका :-

  • यह कम दूरी का सतह से सतह पर मार करने वाला एक बैरल रॉकेट लाँचर प्रणाली है
  • इसकी मारक क्षमता 39 किमी हैं
  • इसका नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है

अर्जुन :-

  • इसका विकास DRDO ने किया है।
  • इसकी अधिकतम गति 70 किमी /घंटा
  • इसकी दूरी क्षमता 500 किमी है।
  • यह रात में आसानी से काम कर सकता है।

तेजस :-

  • हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित यह पहला स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है।
  • इसमें GE404 (जनरल इलेक्ट्रिक ) इंजन लगा है।
  • अधिकतम गति 600 किमी /घंटा

ध्रुव:-

  • यह DRDO द्वारा विकसित किया गया है
  • यह एडवांस हल्का हेलिकॉप्टर है।
  • इसकी अधिकतम गति 245 किलोमीटर /घंटा है।

नेत्र :-

  • यह DRDO द्वारा विकसित एक चालक रहित(ड्रोन) विमान है।
  • वजन 1.5 किलोग्राम
  • उद्देश्य  :- खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए किया उपयोग किया जाता है।

गगन

  • यह एक वायु संचालन प्रणाली है।
  • इसका निर्माण भारतीय विमानपतन एवं DRDO द्वारा किया जा रहा है।
  • यह आसमान में विमानों की भीड़ कम करने एवं उन्हें रास्ता दिखाने के लिए आधुनिक GPS से संचालित Augmented नेवीगेशन प्रणाली है।

INS अरहिंत

  • यह एक परमाणु चालित पनडुब्बी है।
  • यह स्वदेसी निर्मित पनडुब्बी है।

INS विक्रमादित्य

  • यह सोवियत रूस से प्राप्त विमान वाहक पोत है।

सागरिका :-

  • मारक क्षमता 700 किलोमीटर
  • यह अग्नि-II का नौसैनिक संस्करण है
  • समुद्र के भीतर प्रथम परीक्षण 26 फरवरी 2008
  • यह समुद्र से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल है
  • यह जमीन पर भी मार कर सकती है
  • यह समुद्र की गहराई में भी मार कर सकती है

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