भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान | (DRDO)
स्थापना : 1958
वर्तमान अध्यक्ष :
भारतीय रक्षा संस्थान
भारतीय थल सेना प्रशिक्षण संस्थान
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) National Defense Academy : खड़गवासला
- नेवल कॉलेज ऑफ इंजीनीयरिंग : लोनवाला
- नेशनल डिफेंस कॉलेज नई दिल्ली
- इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून (उत्तराखण्ड)
- इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून (उत्तराखण्ड)
- रक्षा प्रबन्धन संस्थान सिकन्दराबाद
- एयरफोर्स फ्लाइंग कॉलेज जोधपुर (राजस्थान)
- एयरफोर्स अकादमी हैदराबाद (तेलंगाना )
- हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु (कर्नाटक )
भारतीय शिपयार्ड
- गार्डन रीचशिप बिल्डर्स लिमिटेड कोलकाता
- गोवा शिपयार्ड लिमिटेड वास्कोडिमा
- मुझगाँव डाक लिमिटेड मुम्बई
भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड बेंगलुरु (कर्नाटक )
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड हैदराबाद (तेलंगाना )
मिश्र धातु निगम लिमिटेड हैदराबाद (तेलंगाना )
भारतीय प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम
- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत 1983 में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में किया गया
अग्नि
- यह सतह से सतह पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है।
इसकी प्रमुख श्रेणीयां निम्नवत है
- अग्नि-I : मारक क्षमता (700 – 1200) किलोमीटर
- अग्नि-II : मारक क्षमता (2000 – 3000) किलोमीटर
- अग्नि-III : मारक क्षमता (3000 – 4000) किलोमीटर
- अग्नि-IV : मारक क्षमता (4000 – 5000) किलोमीटर
- अग्नि-V: मारक क्षमता (5000) किलोमीटर से अधिक
पृथ्वी :-
प्रथम परीक्षण
- परीक्षण तिथि : 25 फरवरी 1988
- परीक्षण स्थान: चाँदीपुर परीक्षण केन्द्र
- यह सतह से सतह पर कम दूरी तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
- यह बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है।
- पृथ्वी-I : मारक क्षमता 150 किलोमीटर (थल सेना)
- पृथ्वी-II : मारक क्षमता 250 किलोमीटर (वायु सेना)
- पृथ्वी-III : मारक क्षमता 350 किलोमीटर (नौसेना)
ब्रम्होस
- यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है
- इसे भारत एवं सोवियत रूस ने मिलकर बनाया है
- इस मिसाइल का नाम भारत के ब्रह्मपुत्र नदी तथा रूस के मोस्कोवा नदी के नाम पर रखा गया है
- इसकी मारक क्षमता 290 किमी. तक है
- युद्ध सामग्री ले जाने की क्षमता 200-300 किलोग्राम
- ब्रम्होस II का निर्माण किया जा रहा है
ब्रम्होस के तीन संस्करण है।
- स्थल
- वायु
- नौ संचालन
धनुष :-
- यह पृथ्वी का नौसेनिक संस्करण है।
- यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
- इसकी मारक क्षमता 150 – 300 किमी. तक है।
प्रद्युमन :-
- यह एक इंटरसेप्टर प्रक्षेपास्त्र है।
- यह दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र को हवा में ही बहुत कम दूरी पर मार गिरा सकता है।
आकाश
- इसकी मारक क्षमता 25 किमी है
- यह मध्य दूरी की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल है
- यह एक साथ पाँच विमान या मिसाइल को निशाना बना सकता है
- इसके प्रणोदक में रामजेट सिद्धान्त का प्रयोग किया गया है
- यह भारतीय वायुसेना तथा थलसेना से शामिल प्रक्षेप अस्त्र है
त्रिशूल
- सतह से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
- इसकी मारक क्षमता 500 मीटर से 9 किमी. तक है।
- इसके नौसैनिक संस्करण को टारपीडो Mk-2 भी कहा जाता है।
नाग
- यह टैंक भेदी संचालित प्रक्षेपास्त्र (फायर एण्ड फोरगेट) है।
- इसकी मारक क्षमता 4 किमी. है।
- इसमें फोकल प्लेन रे तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
अस्त्र
- हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
- मारक क्षमता 25-40 किलोमीटर तक है।
सूर्य :-
- यह एक अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है
- इसकी मारक क्षमता 5000 किमी. तक है
पिनाका :-
- यह कम दूरी का सतह से सतह पर मार करने वाला एक बैरल रॉकेट लाँचर प्रणाली है
- इसकी मारक क्षमता 39 किमी हैं
- इसका नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है
अर्जुन :-
- इसका विकास DRDO ने किया है।
- इसकी अधिकतम गति 70 किमी /घंटा
- इसकी दूरी क्षमता 500 किमी है।
- यह रात में आसानी से काम कर सकता है।
तेजस :-
- हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित यह पहला स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है।
- इसमें GE404 (जनरल इलेक्ट्रिक ) इंजन लगा है।
- अधिकतम गति 600 किमी /घंटा
ध्रुव:-
- यह DRDO द्वारा विकसित किया गया है
- यह एडवांस हल्का हेलिकॉप्टर है।
- इसकी अधिकतम गति 245 किलोमीटर /घंटा है।
नेत्र :-
- यह DRDO द्वारा विकसित एक चालक रहित(ड्रोन) विमान है।
- वजन 1.5 किलोग्राम
- उद्देश्य :- खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए किया उपयोग किया जाता है।
गगन
- यह एक वायु संचालन प्रणाली है।
- इसका निर्माण भारतीय विमानपतन एवं DRDO द्वारा किया जा रहा है।
- यह आसमान में विमानों की भीड़ कम करने एवं उन्हें रास्ता दिखाने के लिए आधुनिक GPS से संचालित Augmented नेवीगेशन प्रणाली है।
INS अरहिंत
- यह एक परमाणु चालित पनडुब्बी है।
- यह स्वदेसी निर्मित पनडुब्बी है।
INS विक्रमादित्य
- यह सोवियत रूस से प्राप्त विमान वाहक पोत है।
सागरिका :-
- मारक क्षमता 700 किलोमीटर
- यह अग्नि-II का नौसैनिक संस्करण है
- समुद्र के भीतर प्रथम परीक्षण 26 फरवरी 2008
- यह समुद्र से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल है
- यह जमीन पर भी मार कर सकती है
- यह समुद्र की गहराई में भी मार कर सकती है