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भारतीय संविधान की अनुसूची
प्रथम अनुसूची
- इसमें भारतीय संघ के राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के क्षेत्रो का प्रावधान है
- 28 राज्य
- 8 केन्द्रशासित प्रदेश
द्वितीय अनुसूची
भारतीय राज्य व्यवस्था के अन्तर्गत विभिन्न संवैधानिक पदाधिकारियो को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन आदि का प्रावधान किया गया है
- राष्ट्रपति
- राज्यपाल
- लोकसभा अध्यक्ष
- लोकसभा उपाध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
- राज्यसभा के उपसभापति
- विधान सभा अध्यक्ष
- विधान उपाध्यक्ष
- विधान परिषद् के सभापति
- विधान उपसभापति
- उच्चतम् न्यायालय न्यायाधीश
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- भारत के नियन्त्रक महालेखा परीक्षक
तृतीय अनुसूची
- भारतीय राज्य व्यवस्था के अन्तर्गत विभिन्न संवैधानिक पदाधिकारियो जैसे :- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीस, उच्च न्यायालय के न्यायाधीस, राज्यपाल आदि द्वारा पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है
चौथी अनुसूची
- इस सूची के अन्तर्गत भारत के राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में राज्यसभा सीटों के वितरण का प्रावधान किया गया है
- कुल 245 राज्यसभा सीट होती है
- 233 सीटें निर्वाचित
- 12 सीटें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते है
- ये 12 सीटें कला, विज्ञान, साहित्य और सेवाओं से सम्बंधित होते है
पाँचवी अनुसूची
- इस सूची के अन्तर्गत अनुसूचित जातियों के क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है
- इस सूची के अन्तर्गत अनुसूचित जनजातीय के क्षेत्रों, प्रशासन और नियंत्रण के बारे मे उल्लेख किया गया है
छठी अनुसूची
- इस सूची के अन्तर्गत पूर्वोत्तर के चार राज्यों के जनजाति क्षेत्रो के प्रशासन के बारे मे प्रवाधान किया गया है
- असम
- मेघालय
- त्रिपुरा
- मिजोरम
सातवी अनुसूची :-
- केन्द्र सरकार एवं राज्यों सरकारों के मध्य शक्तियों के बँटवारे के अन्तर्गत निम्न सूचियाँ आती है
- संघ सूची
- राज्य सूची
- समवर्ती सूची
- अवशिष्ट सूची
1. संघ सूची
- इस सूची के अन्तर्गत केन्द्र सरकार कानून बनाती है
- संविधान लागू होने के समय संघ सूची में 97 विषय थे
- वर्तमान समय में 99 विषय है
- रेलवे, रक्षा, मुद्रा, परमाणु, विदेशी मामले, युद्ध, राष्ट्रीय राजमार्ग, पासपोर्ट, वीजा, जनगणना, संचार, डाक, निगम कर आदि
2. राज्य सूची
- इस सूची के अन्तर्गत राज्य सरकार कानून बनाती है
- संविधान लागू होने के समय राज्य सूची में 66 विषय थे
- वर्तमान समय में 62 विषय है
- पुलिस, कानून व्यवस्था, बाजार, मेला, अस्पताल आदि
3. समवर्ती
- इस सूची के अन्तर्गत केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों कानून बना सकती है, लेकिन केन्द्र सरकार का कानून सर्वोपरि है
- संविधान लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे
- वर्तमान समय में 52 विषय है
- शिक्षा, वन, जनसंख्या, जनसंख्या नियोजन, विद्युत, विवाह, विवाह-विच्छेद, बाट और तौल आदि
4. अवशिष्ट सूची
- अवशिष्ट सूची पर केन्द्र सरकार कानून बनाती है
- यह विशेष सूची है जो कि किसी भी विषय पर कानून बना सकती है जो संघ सूची, राज्य सूची, व समवर्ती सूची उपस्थित नही है
- सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, instagram आदि
- साइबर क्राइम
आठवी अनुसूची
- वर्तमान समय में आठवी अनुसूची में भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख है
- मूल संविधान के आठवी अनुसूची में 14 भाषाएँ थी
- 21वा संविधान संशोधन सन 1967 में सिंधी भाषा को शामिल किया गया
- 71वा संविधान संशोधन सन 1992 में तीन और भाषाये कोकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को शामिल किया गया
- 92वा संविधान संशोधन सन 2003 में चार और भाषाएँ बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली को आठवी सूची में शामिल किया गया
अनुसूची में शामिल भाषाएँ
- संस्कृत
- हिन्दी
- पंजाबी
- उर्दू
- ओड़िया
- गुजराती
- मराठी
- बांग्ला
- कश्मीरी
- असमिया
- तमिल
- तेलगू
- कन्नड़
- मलयालम
- सिन्धी
- कोकणी
- मणिपुरी
- नेपाली
- बोडो
- डोगरी
- मैथिली
- संथाली
नौवी अनुसूची
- प्रथम संविधान संशोधन 1951 में नौवी अनुसूची जोड़ी गयी
- इस सूची में राज द्वारा सम्पत्ति के अधिग्रहण सम्बन्धी कानूनों का प्रावधान किया गया
- वर्तमान मे इस अनुसूची में 284 अधिनियम है।
- इस अनुसूची में 24 अप्रैल 1973 के बाद में शामिल किये गये विषय पर सर्वोच्च न्यायालय न्यायिक समीक्षा कर सकता है
दसवी अनुसूची
- 52वा संविधान संशोधन 1985 में 10वी अनुसूची को जोड़ा गया
- इसमें दल बदल से सम्बंधित कानूनों का प्रावधान है
ग्यारहवी अनुसूची
- 73वा संविधान संशोधन 1993 में 11वी अनुसूची को जोड़ा गया
- इस अनुसूची में पंचायती राज संस्थाओ को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किये गये है।
बारहवी अनुसूची
- 73वा संविधान संशोधन 1993 में 12वी अनुसूची को जोड़ा गया
- नगर निकाय संस्थाओ का कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किये गये।