10 June 2025
सम्बन्ध बोधक अव्यय

सम्बन्ध बोधक अव्यय | सम्बन्ध सूचक अव्यय | Sambandh Bodhak Avvaya | Sambandh Soochak Avvaya

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सम्बन्ध बोधक अव्यय | Sambandh Bodhak Avvaya

  • वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य में आये अन्य शब्दों से स्थापित करे उसे, सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते है
  • इन्हें अंग्रेजी भाषा में Postpositions भी कहा जाता है

सम्बन्ध बोधक अव्यय शब्द

  • बिना
  • पीछे
  • सामने
  • शिवाय
  • ऊपर
  • नीचे
  • वास्ते
  • बहार
  • भीतर
  • आदि

जैसे:-

  • मेज के पर ग्लास रखा है
  • घर के सामने गली है
  • धन के बिना जीवन यापन करना मुश्किल है।
  • आप के शिवाय इस काम को कोई और नही कर सकता।

सम्बन्ध सूचक अव्यय के भेद

सम्बन्ध बोधक अव्यय के निम्न भेद है

  • करण वाचक
  • सम्प्रदानवाचक
  • अपादानवाचक
  • दिशावाचक
  • स्थान वाचक
  • काल वाचक
  • विषयवाचक

स्थान वाचक :-

  • वह अव्यय जो स्थान का बोध कराता है स्थान सम्बन्ध बोधक अव्यय कहलाता है ।
जैसे:-
  • अंदर, बाहर, ऊपर, नीचे, सामने, पर, से, तक, चारों ओर आदि।
उदाहरण:
  • राम बक्से के अंदर कपड़े रख रहा हैं।
  • टेबल पर ग्लास रखा हुआ है।
  • वह रोड़ पर चल रहा है ।
  • मेरा दुकान, हीरो एजेंसी के सामने है।
  • मजदूर पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे हैं।
  • यहाँ चारों और हरियाली नजर आ रहा है।

 काल वाचक:-

  • वह अव्यय जो समय का बोध कराता है, काल सम्बन्ध बोधक अव्यय कहलाता है।
जैसे:-
  • सुबह से, दोपहर से, शाम से, रात तक
  • घंटा भर, दिन भर, महीना भर, वर्ष भर
  • पहले, बाद में
  • आज, कल, परसों

उदाहरण:-

  • वह दोपहर से रो रहा है।
  • वह कल से आ रहा है।
  • हिमाचल में वर्ष भर सर्दी रहती है।
  • मैं सुबह से पढ़ रहा हूँ।
  • मजदूर दिन भर काम करता है।
  • पूजा करने से पहले नहा-धो लो।
  • कल मै दिल्ली जाऊंगा।

करणवाचक:-

  • वह अव्यय जो माध्यम का बोध कराता है करण वाचक अव्यय कहलाता है।
जैसे:-
  • से, बस से, हाथ से, द्वारा, के द्वारा आदि।

उदाहरण:-

  • शीला ने पेन से पत्र लिखा।
  • राम ने रावण को बाण से मारा।
  • विकास ट्रेन से दिल्ली गया।
  • बच्चा सायकिल से विद्यालय जाता है।

 सम्प्रदान वाचक:-

  • वह अव्यय जिसके लिए कुछ किया जाए, उसे सम्प्रदान वाचक अव्यय कहा जाता है।
जैसे:-
  • को, के लिए ,हेतु आदि।
उदाहरण:-
  • पिताजी ने मेरे लिए एक सायकिल खरीदा।
  • रामू ने भिखारी को भीख दिया।
  • मैंने राम को पत्र लिखा है।
  • पी.एम. आवास योजना केवल गरीबों के लिए है

अपादान वाचक:-

  • वह अव्यय जो अलगाव का बोध कराता है, उसे अपादान वाचक अव्यय कहा जाता है।
जैसे:-
  • से, दूर, अलग आदि।

उदाहरण:-

  • पर्वत से नदी निकल रही है।
  • माली पौधे से फूल तोड़ रहा है।
  • मुझे नशा से दूर रहना है।
  • पेड़ से फल गिर रहे है।

दिशा वाचक:-

  • वह अव्यय जो दिशा के बारे में बोध कराती है, उसे दिशा वाचक अव्यय कहते है।
जैसे:-
  • दाएं, बाएं, आगे, पीछे आदि।
  • की ओर, की तरफ, बगल में आदि।
उदाहरण:-
  • अमित पूरब की ओर जा रहा है।
  • यह सड़क दिल्ली की ओर जाता है
  • वृद्धा घर की ओर जा रहा है।

सम्बन्ध वाचक:-

  • वह अव्यय जो मालिकाना हक का बोध कराता है, उसे सम्बन्ध वाचक अव्यय कहा जाता है।
जैसे:-
  • का, की, के, रा, री, रे आदि।
उदाहरण:-
  • यह राम की कार है।
  • वह राजू का घर है।
  • यह मेरा दुकान है।
  • यह कम्पनी मेरे चाचा जी का है

विषय वाचक:-

  • वह अव्यय जो किसी विषय के बारे में बोध कराती है, उसे विषय वाचक अव्यय कहते है।
जैसे:-
  • के विषय में, के बारे में, पर आदि।
उदाहरण:-
  • मैं शोले फिल्म के बारे में लिख रहा हूँ।
  • मै लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध लिख रहा हु
  • मोहन अन्तरिक्ष विज्ञान में शोध कर रहा है
  • पुलिस हत्या के बारें में पूछ-ताछ कर रही है
निष्कर्ष:
  • सम्बन्ध बोधक अव्यय हिन्दी व्याकरण का अभिन्न अंग हैं।
  • इसके प्रयोग से भाषा स्पष्ट और अर्थपूर्ण बन जाती है।
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