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कारक की परिभाषा : –
- वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम, क्रिया, कर्म के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है, वह शब्द कारक कहलाते है।
कारक के उदाहरण : –
- राम ने रावण को मारा
- पेड़ से पत्ता गिर रहा है
- अध्यापक बालक को पीट रहा है
- हे! भगवान कितना डरावना द्रश्य
कारक के भेद
- कारक आठ प्रकार के होते है
कारक चिन्ह
- कर्ता -> ने
- कर्म -> को
- कारक -> से , के द्वारा
- सम्प्रदान -> को, के लिए
- अपादान -> से (अलगाव)
- सम्बन्ध -> का, के, की, ना, ने, नी, रा, रे, री
- अधिकरण -> में, पर
- संबोधन -> हे!, अरे!
कर्ता कारक :-
- क्रिया करने वाले को कर्ता कारक कहा जाता है।
- चिन्ह-ने
उदाहरण
- राम ने खाना खाया।
- श्यामू पुस्तक पढता है।
- रितेश कपडे लाया।
- गीता गाना गयी।
- किसान खेत जोत रहा।
- माली फुल तोड़ रहा।
कर्म कारक:-
- जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है, कर्म कारक कहा जाता है।
- चिन्ह-को
उदाहरण :
- ऋषि वन को जाते हैं।
- अध्यापक ने छात्रों को पढ़ाया।
- गोपाल ने राधा को बुलाया।
- श्याम रोहित को पत्र लिखा।
- मोहन सायकिल को बेच दिया।
- शिकारी ने हिरन को मार दिया।
करण कारक:-
- जिससे क्रिया सम्पन्न की जाये करण कारक कहलाता हैं।
- चिन्ह से, के द्वारा
उदाहरण
- विकास कलम से पत्र लिखता है।
- रामू कुल्हाडी से पेड़ काटता है।
- राम ने रावण को बाण से मारा
- मुकेश पैर से लंगडा है।
- श्रेया दोनों आंखों से अन्धी है।
सम्प्रदान कारक
- जिसके लिए क्रिया की जाती है या कुछ प्रदान किया जाए सम्प्रदान कारक कहा जाता है
- चिन्ह को, के लिए
उदाहरण
- महेश ने रमेश को गाड़ी उपहार में दिया।
- सीमा ने भिखारी को भिक्षा दी।
- पिता जी ने राम को सायकिल दी।
अपादान कारक:
- जहां पर अलगाव, तुलना, भिन्नता हो वहा पर अपादान कारक होता है।
- ‘चिन्ह- से(अलगाव)
उदाहरण
- सीता गीता से बड़ी है।
- मोहन साइकिल से गिर पड़ा।
- पेड़ से पत्ते गिर रहे है।
- गंगा नदी हिमायल से निकलती है।
- मोहित घर से विद्यालय जा रहा है।
नोट : –
- उपर्युक्त उदाहरण में से अलगाव के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
सम्बन्ध कारक:-
- जहां पर सम्बन्ध बताया जाए वहा सम्बन्ध कारक होता है।
- चिन्ह- का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी
उदाहरण
- मोहन गीता का भाई है
- श्याम के चार पुत्र है
- वह अपने बच्चे है।
अधिकरण कारक:-
- जिससे क्रिया के आधार व स्थित का बोध होता है वह अधिकरण कारक कह लाता है।
- चिन्ह में, पर
उदाहरण
- पेड पर पक्षी बैठे हैं।
- महली पानी में रहती है।
- बाल्टी कुएं में गिर गई।
- गुरूजी कुर्सी पर बैठे है।
- किताब मेज पर रखी है।
सम्बोधन कारक
- जहां पर बुलाने पुकारने का बोध होता है, वह सम्बोधन कारक कहलाता है।
- चिन्ह- !
उदाहरण
- हे ईश्वर!रक्षा करो
- अरे!बच्चों शोर मत करो
- अरे!आप आ गये
- ओह! कितना मोहक द्रश्य
- भगवान ! दीर्घ आयु प्रदान करे
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