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Home | राजव्यवस्था
भारत का संवैधानिक विकास
रेगुलाटिंग एक्ट 1773
- ईस्ट इंडिया कम्पनी को नियंत्रित करने के लिए 1773 में रेगुलाटिंग एक्ट लाया गया
- बंगाल के गवर्नर को गवर्नल जनरल बनाया गया
- बंगाल में सुप्रीमकोर्ट की स्थापना की गयी
पिट्स इंडिया एक्ट 1784
- द्वैध शासन प्रणाली लाया गया
- नियंत्रक मण्डल (Board of Controller)
- निदेशक मण्डल (Board of Director)
चार्टर एक्ट 1786
- गवर्नर जनरल को वीटो शक्ति दी गयी
चार्टर एक्ट 1813
- ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया के एकाधिकार को सीमित किया गया
- चाय और चीन देश के व्यापार के लिए एकाधिकार दिया गया
- भारत में शिक्षा बजट 1 लाख किया गया
- भारत में इसाई धर्म की प्रचार की अनुमति दी गयी
- विदेशी कम्पनी का आगमन हुआ
चार्टर एक्ट 1833
- ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया के एकाधिकार को पूर्ण रूप से समाप्त किया गया
- विधि सदस्य न्युक्त किया गया
- प्रशासनिक व्यवस्था को एकीकृत किया गया
- बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया
चार्टर एक्ट 1853
- विधि आयोग का गठन किया गया
- कर्मचारीयों के लिए खुली प्रतियोगिता
भारत शासन अधिनियम 1858
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को समाप्त कर दिया गया
- नियंत्रक मण्डल (Board of Controller) को समाप्त कर दी गयी
- निदेशक मण्डल (Board of Director) को समाप्त कर दी गयी
- भारत के गवर्नर जनरल का पद समाप्त कर दिया गया
- वायसराय का पद लाया गया
भारत शासन अधिनियम 1861
- वायसराय को अध्यादेश जारी करने की शक्ति
- भारत में विभागीय प्रणाली की स्थापना
- IPC अधिनियम
- High Court अधिनियम
भारत शासन अधिनियम 1892
- मतदान का अधिकार दिया गया
- बजट पर भारतीयों को पहली बार भाषण देने का अधिकार
भारत शासन अधिनियम 1909
- मार्ले मिन्टो सुधार
- तत्कालीन राज्य सचिव मार्ले
- तत्कालीन वायसराय मिन्टो
- मुस्लिम को प्रथक निर्वाचन क्षेत्र दिया गया
भारत शासन अधिनियम 1919
- मोंटेग्यू चेम्स्फोर्ड सुधार
- तत्कालीन राज्य सचिव मोंटेग्यू
- तत्कालीन वायसराय चेम्स्फोर्ड
- महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया
- प्रान्तों में द्वैध शासन लागू किया गया
भारत शासन अधिनियम 1935
- प्रान्तों को स्वायता मिली
- केन्द्र में द्वैध शासन लागू हुआ
- वर्मा को भारत से अलग किया गया
कैबिनेट मिशन 1946
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