24 April 2025
सिख गुरु | सिख धर्म

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सिख धर्म

  • सिख धर्म में कुल दस सिख गुरु हुए
  • प्रथम गुरु गुरुनानक जी थे
  • अंतिम गुरु गुरु गोविन्द सिंह थे

पंच तख्त

  1. अकाल तख्त साहिब
  2. केश गढ़ तख्त साहिब
  3. दमदमा साहिब
  4. पटना साहिब (पटना)
  5. हुजुर साहिब (महाराष्ट्र)

सिख गुरु

गुरु पद क्रमांक सिख गुरु
1. गुरुनानक देव
2. गुरु अंगद
3. गुरु अमरदास
4. गुरु रामदास
5. गुरु अर्जुनदेव
6. गुरु हर गोविन्द
7. गुरु हर राय
8. गुरु हरि किशन
9. गुरु तेंग बहादुर
10. गुरु गोविन्द सिंह

गुरु नानकदेव

जन्म 1469
जन्म स्थान तलवंडी (लाहौर) नया नाम ननकाना साहिब
पिता कालू मेहता
माता तृप्ता देवी
पत्नी सुलक्षना देवी
मृत्यु 1539
मृत्यु स्थान करतारपुर(पाकिस्तान)

गुरुनानक

कार्यकाल (1469-1539)

  • ये सिख धर्म के पहले गुरु थे
  • इन्हें कार्तिक की पूर्णिमा को ज्ञान प्राप्ति की प्राप्ति हुई
  • इन्होंने सिख धर्म की स्थापना किया
  • इन्होने कीर्तन विधि से ईश्वर प्राप्ति का साधन बताया
  • ये निर्गुण भक्ति शाखा में विश्वास रखते थे
  • इन्हें पुनर्जन्म जन्म और कर्म के सिद्धान्त में विश्वास था
  • ये सूफी सन्त बाबा फरीद से प्रभावित थे
  • ये बाबर के समकालीन थे उस समय दिल्ली में लोदी वंश का शासन चल रहा था
  • इन्होंने संगत(धर्मशाला) और पंगत (लंगर) प्रथा चलाया
  • इन्होने निपक सम्प्रदाय की स्थपना किया था
  • इन्होने ने अंतिम डेरा करतारपुर में डाला था
  • गुरुनानक देव ने गुरु अंगद सिंह को उत्तराधिकारी बनाया

गुरु अंगद देव

कार्यकाल (1539-1552)

  • ये सिख धर्म के दुसरे गुरु थे
  • इनका वास्तविक नाम बाबा लहना था
  • इन्होंने  गुरु मुखी लिपि का अविष्कारक किया
  • इन्होंने गुरुनानक देव की जीवनी लिखी
  • इन्होंने खादुर में गुरुगद्दी की स्थापना की
  • लंगर प्रथा को स्थायी बनाया

गुरु अमरदास

कार्यकाल (1552-1574)

  • ये सिख धर्म के तीसरे गुरु थे
  • इन्होंने सती प्रथा का विरोध किया
  • इन्होंने सिख धर्म का प्रचार प्रसार के लिए 22 गद्दियों की स्थापना किया
  • प्रत्येक गद्दी के लिए महन्त की व्यवस्था की थी
  • अकबर ने 500 बीघा जमीन दान दिया

गुरु रामदास

कार्यकाल (1574-1581)

  • ये सिख धर्म के चौथे गुरु थे
  • ये अकबर के समकालीन थे
  • इन्होंने अमृतसर नगर को बसाया
  • इन्होने गुरु पद को पैत्रिक बना दिया और अपने पुत्र अर्जुन देव को उत्तराधिकारी बना दिया

गुरु अर्जुनदेव

कार्यकाल (1581-1606)

  • ये सिख धर्म के पाचवे गुरु थे
  • ये जहाँगीर के समकालीन थे
  • इन्होंने स्वर्ण मंदिर(हरमिन्दर साहिब) का निर्माण कराया
  • इन्होने करतारपुर, तरनतरण और व्यासपुर नगर का निर्माण करवाया
  • इन्हें सच्चा बादशाह कहा जाता है
  • इन्होंने गुरु ग्रन्थ साहिब(आदि ग्रन्थ ) का संकलन किया
  • इन्होने आय का दशांश (दसवा भाग ) कर वसूलने का प्रावधान किया
  • इन्होने खुसरो की सहायता किया था इसलिए मुगल बादशाह जहाँगीर ने इनकी हत्या करवा दी

गुरु हरगोविन्द सिंह

कार्यकाल (1606- 1645)

  • ये सिख धर्म के छठे गुरु थे
  • इन्होने कश्मीर में कीरतपुर नगर का निर्माण कराया
  • इन्होंने अमृतसर नगर की किले बंदी करवाया
  • इन्होंने 12फीट ऊँचा अकाल तख्त का निर्माण करवाया
  • इन्होने सैन्य शिक्षा आरम्भ करवाया
  • इन्होने दरबार में नगाड़ा बजाने की शुरुआत किया
  • जहागीर ने इन्हें गिरफ्तार कर ग्वालियर के कैदखाना में दो वर्ष के लिए डाल दिया
  • 1644 में इनकी मृत्यु हो गयी

गुरु हरराय

कार्यकाल (1645- 1661)

  • ये सिख धर्म के सातवे गुरु थे
  • ये दाराशिकोह के समकालीन थे
  • इन्होंने दाराशिकोह की मदद की

गुरु हरकिशन

कार्यकाल (1661- 1664)

  • ये सिख धर्म के आठवे गुरु थे
  • इन्हे पांच वर्ष की आयु में ही गद्दी प्राप्त हो गई
  • इनकी चेचक से मृत्यु हो गयी थी

गुरु तेग बहादुर

कार्यकाल (1664 – 1675)

  • ये सिख धर्म के नव वे गुरु थे
  • इनको हिन्द की चादर कहा गया
  • इस्लाम कबूल न करने के कारण औरंगजेब ने इनकी हत्या करवा दी

गुरु गोविन्द सिंह

कार्यकाल (1675 – 1708)

  • इन्होंने खालसा पन्त की स्थापना की
  • ये सिख धर्म के दसवें व अन्तिम गुरु हुए
  • इन्होंने गुरु परम्परा को समाप्त किया
  • इन्होंने आनन्दपुर नगर का निर्माण कराया
  • इन्होने ने पंचकगार की स्थापना किया था
  • इनकी हत्या महाराष्ट्र में अजीम खान ने किया था

पंचकगार

  1. केश
  2. कंघा
  3. कड़ा
  4. कच्छा
  5. कृपाण

गुरु गोविन्द सिंह

जन्म 22 दिसम्बर 1666
जन्म स्थान पटना बिहार
पिता तेगबहादुर
माता गूजरी
पद सिखों के दसवें गुरु व अंतिम गुरु
आत्मकथा बचित्तर
प्रसिद्दी खालसा पद्धित की स्थपना
मृत्यु 7 अक्टूबर 1708
मृत्यु स्थान महाराष्ट्र

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