औरंगज़ेब: मुग़ल साम्राज्य का विवादास्पद शासक (विस्तृत विश्लेषण)
जन्म | 3 नवंबर 1618, दाहोद (गुजरात) |
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माता | मुमताज़ महल |
पिता | शाहजहाँ |
शिक्षा | इस्लामिक शिक्षा, अरबी, फ़ारसी और युद्ध कला में निपुण |
शासनकाल | 1658ई. से 1707ई. तक |
मृत्यु | 3 मार्च 1707 |
औरंगज़ेब: एक संक्षिप्त परिचय
- औरंगज़ेब का पूरा नाम: मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब था
- वह मुग़ल साम्राज्य का छठा शासक था
- इसने 1658 से 1707 तक शासन किया।
- वह शाहजहाँ का पुत्र और अकबर का पर पोता था।
- इसका शासनकाल विस्तारवादी नीतियों और कट्टर धार्मिक सोच के लिए जाना जाता है।
- इसे जिन्दा पीर भी कहा जाता है
प्रमुख युद्ध और विजयें:
संग्रामपुर का युद्ध:
- इसने 1658ई. में दारा शिकोह को हराकर सत्ता पर कब्ज़ा किया।
दक्कन अभियान:
- इसने बीजापुर और गोलकुंडा को जीता।
राजपूत विद्रोह:
- महाराणा राज सिंह और दुर्गादास राठौड़ के खिलाफ लड़ाई।
सिक्खों के साथ संघर्ष:
- इसने 1675ई. में गुरु तेग बहादुर को फाँसी दे दिया।
प्रशासनिक और धार्मिक नीतियाँ:
जज़िया कर पुनः लागू किया:
- इसने 1679ई. गैर-मुसलमानों पर पुन: जज़िया कर लगाया।
हिंदू मंदिरों का विध्वंस:
- इसने काशी विश्वनाथ और केशवराय मंदिर को तोड़ा।
इस्लामिक कानून (शरिया):
- इसने शरिया कानून लागू किया
संगीत और कला पर प्रतिबंध:
- इसने संगीत और कला पर प्रतिबंध लगाया।
मनसबदारी प्रथा में बदलाव:
- इसने जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव किया।
सांस्कृतिक योगदान:
बीबी का मकबरा:
- इसने औरंगाबाद में ताजमहल की तर्ज पर बीबी का मकबरा बनवाया।
कुरान की हस्तलिखित:
- इसने कुरान की हस्तलिखित प्रतियाँ तैयार करवाईं।
फ़ारसी साहित्य को संरक्षण:
- इसने फ़ारसी साहित्य को संरक्षण दिया।
निष्कर्ष
- औरंगज़ेब का शासनकाल मुग़ल साम्राज्य के विस्तार और पतन दोनों का काल था।
- उसकी कट्टर धार्मिक नीतियों ने साम्राज्य को आंतरिक रूप से कमजोर किया, जिसके कारण मराठों और सिखों का विद्रोह हुआ।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में औरंगज़ेब से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, इसलिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है।