24 April 2025
मध्यकालीन इतिहास

भारतीय मध्यकालीन इतिहास | मोहम्मद बिन कासिम | महमूद गजनवी | मोहम्मद गौरी | गुलाम वंश | कुतुबुद्दीन ऐबक | इल्तुतमिश | रजिया सुल्तान | बलबन

मध्यकालीन इतिहास

  • अरब आक्रमण
  • तुर्क आक्रमण

अरब आक्रमण

  • अरब आक्रमण में सर्वप्रथम मोहम्मद बिन कासिम ने किया था

मोहम्मद बिन कासिम

  • मोहम्मद बिन कासिम ने 712 में सिंध पर आक्रमण किया तथा 713 में मुल्तान पर आक्रमण किया
  • मोहम्मद बिन कासिम ने जजिया कर लगाया
  • जजिया कर में बच्चा, बुढ़ा, महिला, विकलांग, ब्राह्मण को छुट दिया गया था

जजिया कर

  • जजिया कर गैर-मुस्लिम पर लगाया जाता था
  • पहली बार जजिया कर लगाने वाला शासक मोहम्मद बिन कासिम
  • ब्राह्मणों में जजिया कर लगाने वाला शासक फिरोज शाह तुगलक
  • जजिया कर कर समाप्त करने वाला शासक अकबर
  • दुबारा जजिया कर लगाने वाला शासक औरंगजेब
  • पूर्ण रूप से जजिया कर खत्म करने वाला शासक मोहम्मद शाह रंगीला

तुर्क आक्रमण

  • भारत में प्रथम तुर्क आक्रमण सुब्क्तगीन ने किया था
  • सुब्क्तगीन का गुलाम महमूद गजनबी था

महमूद गजनबी

  • महमूद गजनबी ने भारत पर  कुल 17 बार आक्रमण किया था
  • महमूद गजनबी ने सन 1025 ई. में सोमनाथ पर आक्रमण किया था
  • महमूद गजनबी ने अंतिम हमला जाटों के विद्रोह को दबाने के लिए किया था

मोहम्मद गौरी

  • मोहम्मद की गौरी की पहली हार 1178 में भीम द्वितीय से हुयी थी
  • तराइन का प्रथम युद्ध 1191 में मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ था, जिसमें मोहम्मद गौरी की हार हुयी थी
  • तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 में मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ था, जिसमें पृथ्वीराज चौहान की हार हुयी थी
  • चंदवर का प्रथम युद्ध 1194 में मोहम्मद गौरी तथा राजा जयचन्द के बीच हुआ जयचंद की हार हुयी
  • कुतुबुद्दीन ऐबक  मोहम्मद गौरी का गुलाम था
  • मोहम्मद गौरी की मृत्यु 1206 में हुआ था

गुलाम वंश

गुलाम वंश का कार्यकाल(1206ई. से 1290ई. तक)

  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना किया
  • इस वंश को दास वंश, इलबरी वंश या ममलूक वंश भी कहा जाता है

गुलाम वंश के शासक

  1. कुतुबुद्दीन ऐबक
  2. इल्तुतमिश
  3. रजिया सुल्तान
  4. बलबन

1. कुतुबुद्दीन ऐबक

  • दिल्ली का पहला तुर्क शासक कुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है
  • मुहम्मद गोरी मृत्यु के पश्चात कुतुबुद्दीन ने स्वयं को लाहौर का स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक बहुत दानी और उदार व्यक्ति था जिस कारण इसे लाखबक्श कहा गया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने अजमेर में ढाई दिन का झोपड़ा का निर्माण करवाया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम नामक मस्जिद का निर्माण करवाया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक के गुरु का नाम बख्तियार काकी था
  • बख्तियार काकी के याद में कुतुब मीनार का निर्माण करवाया
  • कुतुबमीनार की ऊंचाई 234 फुट है
  • सेनापति कैमाज रूमी की मदद से कुतुबुद्दीन ने बंगाल को अपने अधीन किया
  • कुतुबुद्दीन ने अली मर्दन खां को बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति का नाम बख्तियार खिलजी था
  • बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय में आग लगवा दिया था
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने इल्तुतमिश को गुलाम अपना गुलाम बनाया
  • कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा लाहौर में स्थित है
  • कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद दिल्ली का शासक आरामशाह बना

2. इल्तुतमिश 

  • इल्तुतमिश को दिल्ली के अमीरों ने शासक बनाया
  • इल्तुतमिश को शमसी वंश का शासक भी कहा जाता है
  • इल्तुतमिश को गुलामों का गुलाम भी कहा गया
  • दिल्ली सल्तनत का वास्तविक शासक इल्तुतमिश
  • इल्तुतमिश ने दिल्ली को राजधानी बनाया
  • तराइन का तृतीय युद्ध सन 1215 में इल्तुतमिश और याल्दोज के बीच हुआ
  • तुर्कान-ए-चहलगानी चालीस तुर्क सरदारों का एक दल जिसे चालीसा कहा गया
  • चालीसा का कार्य सुल्तान को सलाह देना
  • उसने जीतल एवं टंका नाम के सिक्के चलाए
  • इल्तुतमिश ने इक्ता व्यवस्था लागू की
  • इल्तुतमिश ने हुसामुद्दीन को बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया
  • इसने उज्जैन पर आक्रमण करके महाकाल मंदिर लूटा
  • इसके शासनकाल के दौरान मंगोल शासक चंगेज खां ने पश्चिम-उत्तर भारत पर आक्रमण किया था
  • रजिया की इल्तुतमिश की बेटी थी
  • इल्तुतमिश ने अपनी ही बेटी रजिया को उत्तराधिकारी बनाया।

3. रजिया सुल्तान

  • शासनकाल रजिया सुल्तान (1236-1240 ई.)
  • इल्तुतमिश के बाद वह सन 1236 ई. में वह दिल्ली की गद्दी पर बैठी।
  • रजिया दिल्ली सल्तनत की पहली और अंतिम महिला शासिका थी।
  • रजिया बेगम ने जलालुद्दीन याकूत को अमीर-ए-आखूर नियुक्त किया था
  • अस्तबल प्रमुख ⇒ याकुत 
  • भटिण्डा के सूबेदार अल्तूनिया से रजिया ने शादी की।
  • इसी बीच इल्तुतमिश के एक पुत्र बहरामशाह ने सत्ता हथिया ली
  • भटिण्डा से दिल्ली आते वक्त रजिया व अल्तूनिया की हत्या कैथल के निकट डाकुओ द्वारा कर दी गई
  • इतिहासकार मिन्हाज-उस-सिराज के मुताबिक रजिया का स्त्री होना उसके पतन का सबसे बड़ा कारण था

4. बलबन

  • बलबन चालीसा दल का सदस्य था
  • इसने चालीसा दल को समाप्त कर दिया
  • बलबन ईरान का निवासी था
  • इसने ईरानी परम्परा को लागू किया
  • इसने नौरोज परम्परा शुरू किया
  • सिजदा परम्परा शुरूकिया
  • पैबोस(पैर चूमना) परम्परा शुरू किया
  • इसने रक्त और लोह की नीति आरम्भ किया
  • इसने सुल्तान को ईश्वर का प्रतिनिधि बताया
  • बलबन को उलूकखान की उपाधि दी गयी

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