- जलालुद्दीन खिलजी: खिलजी वंश का संस्थापक
मूल नाम | फिरोज खिलजी |
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पद | गुलाम वंश के अंतर्गत सेनापति |
सत्ता प्राप्ति | 1290 ई. में कैकुबाद को हराकर |
राज्याभिषेक | किलोखरी (दिल्ली के निकट) में |
शासनकाल | .1290-1296 ई. |
मृत्यु | 1296ई |
जलालुद्दीन खिलजी: परिचय
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290-1296 ई.) ने दिल्ली सल्तनत में खिलजी वंश की स्थापना की।
- वह गुलाम वंश के अंतिम शासक कैकुबाद के सेनापति थे और 70 वर्ष की आयु में सिंहासन पर बैठे।
- उनका शासनकाल खिलजी वंश के उदय और दिल्ली सल्तनत के विस्तार का प्रारंभिक चरण था।
शासनकाल की प्रमुख घटनाएँ
- सत्ता संघर्ष और स्थापना
- मंगोल आक्रमण का सामना
- अलाउद्दीन खिलजी का देवगिरि अभियान
- उदार शासन नीतियाँ
- जलालुद्दीन खिलजी की हत्या
सत्ता संघर्ष और स्थापना
- इसने गुलाम वंश के अंतिम शासक कैकुबाद की हत्या के बाद सत्ता प्राप्त की
- दिल्ली के तुर्क अमीरों ने प्रारंभ में इसका विरोध किया
- इसने अपनी राजधानी किलोखरी में स्थापित की
मंगोल आक्रमण का सामना (1292 ई.)
- मंगोल नेता अब्दुल्ला के नेतृत्व में आक्रमण
- जलालुद्दीन ने शांति वार्ता कर मंगोलों को वापस भेजा
- कुछ मंगोलों को इस्लाम कबूल करने पर दिल्ली में बसाया
अलाउद्दीन खिलजी का देवगिरि अभियान (1296 ई.)
- अपने भतीजे और दामाद अलाउद्दीन को कड़ा-मानिकपुर का गवर्नर नियुक्त किया
- अलाउद्दीन ने देवगिरि (दौलताबाद) पर सफल आक्रमण किया
- इस अभियान से प्राप्त धन ने अलाउद्दीन की शक्ति बढ़ाई
उदार शासन नीतियाँ
- शांति और सहिष्णुता की नीति अपनाई
- हिंदू जनता के प्रति उदार रवैया
- कमजोर सेना और प्रशासन को मजबूत करने का प्रयास
जलालुद्दीन खिलजी की हत्या (1296 ई.)
- अलाउद्दीन ने धोखे से बुलाकर हत्या करवाई
हत्या का स्थान
- कर्रा (इलाहाबाद के निकट)
- हत्या के बाद अलाउद्दीन खिलजी सुल्तान बना
जलालुद्दीन की कब्र
- जलालुद्दीन की कब्र आज भी दिल्ली में किलोखरी के निकट स्थित है
ऐतिहासिक महत्व
- इसने दिल्ली सल्तनत में पहला गैर-तुर्क वंश स्थापित किया
- इसने अलाउद्दीन खिलजी के शासन की नींव रखी
- इसने मंगोल आक्रमणों को रोकने का प्रयास किया
- इन्हें उदार शासक के रूप में याद किए जाते हैं
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- शासनकाल:⇒ 1290-1296 ई.
- उपाधि:⇒ फिरोजशाह
- राजधानी:⇒ किलोखरी (दिल्ली)
- उत्तराधिकारी:⇒ अलाउद्दीन खिलजी
- विशेषता:⇒ खिलजी वंश के संस्थापक और सबसे उदार शासक
निष्कर्ष
- जलालुद्दीन खिलजी ने अपने छोटे से शासनकाल में दिल्ली सल्तनत को स्थिरता प्रदान की। हालाँकि उनकी उदार नीतियों को उनकी कमजोरी माना जाता था, परंतु उन्होंने खिलजी वंश की स्थापना कर दिल्ली सल्तनत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर उनके शासनकाल और हत्या से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।