9 June 2025
विशेषण

विशेषण | Adjective

विशेषण | (Adjective)

  • संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता( गुण, दोष, संख्या, परिमाप )  बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं
  • विशेषण एक विकारी शब्द है

विशेष्य

  • जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहा जाता है।

 

उदाहरण

संज्ञा से विशेषण:

संज्ञा              विशेषण
  • पेट                   पेटू
  • लोभ                 लोभी
  • क्रोध                 क्रोधी

सर्वनाम से विशेषण:

सर्वनाम                 विशेषण
  • मै                           मेरा
  • वह                        उसका  ,वैसा
  • यह                       इसका  ,  ऐसा
  • आप                       आपका

क्रिया से विशेषण:

क्रिया                 विशेषण
  • चलती                      चलती ट्रेन
  • पढ़ता                      पढ़ता बालक
  • रोना                       रोता बच्चा

अव्यय     से विशेषण:

अव्यय                 विशेषण

बाहरी व्यक्ति

भीतरी बातें

विशेष्य– जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाये वह विशेष्य कहलाते हैं। यथा- गीता सुन्दर है ।

विशेषण और विशेष्य- विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भी आते हैं बाद में भी

विशेषण और विशेष्य

पूर्व में  विशेषण के उदहारण 

  • थोड़ा सा पानी लाओ
  • तीन मीटर कपड़ा ले जाना
  • पांच किलो आम
  • दो लीटर दूध
  • यह पुस्तक राम ने दी है

बाद में विशेषण के उदहारण

जैसे:-

  • यह रास्ता लम्बा है।
  • कोयला काला है
  • गीता सुन्दर है
  • खीरा कड़वा है।
  • चाय मीठा है
  • मोबाईल महगा

विशेषण के कार्य

  • किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषता बताना

जैस-

  • रमेश स्वस्थ है
  • लाल घोड़ा दौड़ रहा है
  • मीना सुन्दर है
  • सीमा गोरी है
  • लोहा मजबूत होता है

हीनता का बोध के उदहारण

  • बीमार वृद्ध
  • लाचार पिता
  • विधवा औरत
  • बिधुर आदमी
  • बेचारी गुडिया
  • भौकता कुत्ता

अर्थ सीमित करना

  • पढ़ते छात्र
  • रोता बच्चा

संख्या बोध कराना

  • पाचवाँ बालक
  • दस लोग
  • दो बन्दर

मात्रा का बोध कराना

  • दस किलो गेहूँ
  • तीन किलो चावल
  • आठ किलो आटा
  • पांच लीटर पेट्रोल
  • एक लीटर रिफ़ाइन्ड

 विशेषण के प्रकार | (Type of Adjective)

  1. गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
  2. सार्वनामिक विशेषण/संकेत वाचक (Demonstrative Adjective) 
  3. संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
  4. परिमाण बोधक विशेषण  (Adjective of Quantity)

1. गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)

  • जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के गुण-दोष का बोध हो, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते है

गुण वाचक विशेषण के प्रकार :

  • यह आठ प्रकार के होते है
 1. भाव:-
  • अच्छा, सज्जन,  बुरा, कायर, वीर, डरपोक, बहादुर, बुझदिल, साहसी, ईमानदार, बेईमान, चोर, डाकू, लुटेरा, आंकवादी       आदि।
2. रंग
  • लाल, हरा, पीला, नीला, सफेद, काला, नारंगी, आसमानी, गुलाबी, भूरा
3. दशा:-
  • पतला, मोटा, सूरखा, गाढ़ा, भारी ,बच्चा, युवा, जवान, वृद्ध आदि ।
4. आकार:-
  • गोल, लंबा, चौड़ा, गोल, सुडौल, नुकीला, तिकोना, चौकोर आदि ।
5. समय:-
  • अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा, रात्रि  आदि ।
6. स्थान:-
  • ऊँचा, नीचा, गहरा, उथला,  दांये, बाये, बीच में, किनारे  आदि
7.गुण:-
  • भला, कुरा, सुन्दर, मीठा खट्टा, दानी, काला, काली, गोरा, गोरी, सुन्दर, कुरूप   आदि ।
8. दिशा:-
  • उत्तरी, दक्षिणी पूर्वी, पश्चिमी, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण -पूर्व, दक्षिण -पश्चिम

2. सार्वनामिक विशेषण | (Demonstrative Adjective) 

(सर्वनाम + संज्ञा)

1. संकेतवाचक / निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

  • यह(This)
  • वह(That)
  • ये(These)
  • वे(Those)

संकेतवाचक विशेषण के उदाहरण

  • यह घर
  • वह किताब
  • ये लोग चोर है
  • वे लोग ईमानदार

2. अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

  • कोई (Any)
  • कुछ (Some)

3. प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण

  • कौन (Who)
  • क्या (What)
  • क्यों (Why)
  • कब (When)
  • कैसे (How)
  • कहाँ (Where)

4. संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

  • मेरा (My)
  • हमारा (Our)
  • उसका (His)
  • उसकी (Her)
  • आपका (Your)

3. संख्यावाचक विशेषण | (Adjective of Number)

  • जिन विशेषण शब्दों से संख्या का बोध हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहते है

1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण

गणनावाचक / पूर्ण संख्या वाचक
  • वस्तुओं की गणना
  • जहाँ पूर्ण संख्याएँ विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है
  • एक, दो, तीन, चार, पांच, दस, पंद्रह, बीस आदि

जैसे

  • पाँच आम
  • दस कापी
  • दो सेव
  • चार आदमी
गणनावाचक / अपूर्ण संख्या वाचक
  • जहाँ अपूर्ण संख्याएँ विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है

जैसे 

  • सवा
  • आधा
  • पौना
  • सवा एक
  • देढ़
  • पौने दो
  • सवा दो
  • ढाई
  • पौने तीन
  • सवा तीन
  • साढ़े तीन
क्रमवाचक
  • पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, चौथा, पाचवा, दसवा आदि
आवृत्तिवाचक
  • एक वस्तु का दूसरी वस्तु से आधिक्य का अनुपात

जैसे :-दुगना, तीनगुना, चौगुना, पचगुना, दसगुना, पचास गुना, सौगुना

समुदायवाचक
  • यह संख्या के समुदाय का बोध कराता है

जैसे :-

  • चारों लड़के
  • दोनो भाई
  • बीसों आदमी

 

प्रत्येक वाचक
  • अनेक में से एक-एक का बोध होता है

जैसे :- प्रत्येक व्यक्ति, एक-एक आदमी

समुच्चयवाचक 
  • दर्जन(12 बस्तुये )
  • जोड़ा(2 बस्तुये )
  • सतसई (700 श्लोक )
  • शताब्दी (100 वर्ष )
  • शतक (100 रन)
  • हजार(1000 रुपया )
  • लाख (100000 रुपया )
2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
  • कुछ
  • कई
  • काफी

4. परिमाण बोधक विशेषण | (Adjective of Number)

1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण:- 
  • 100 लीटर दूध
  • दस लीटर तेल
2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण:- 
  • थोड़ा, इतना आदि
प्रविशेषण
  • वे विशेषण शब्द जो विशेषणों की विशेषता बताते है प्रविशेषण कहलाते है।
जैसे:-
  • वह बहुत तेज दौड़ता है।
  • सीता अत्यन्त सुन्दर है।

 

विशेषणों की रचना

1. रूप रचना की दृष्टि से:-
  • विकारी
  • अविकारी
अविकारी
  • अविकारी विशेषणों के रूपों में परिवर्तन नहीं होते।
  • ये  मूलरूप में रहने के कारण मूल विशेषण कहे जाते है

जैसे 

  • सुन्दर
  • पीला
  • गोरा
  • सुडौल
  • चंचल
  • आदि

संज्ञाओं में प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषता

संज्ञा में प्रत्यय जोड़कर बने विशेषण

संज्ञा  +  प्रत्यय  =  विशेषण 
  • अर्थ      +    इक  =  आर्थिक
  • धर्म       +    इक  =  धार्मिक
  • दया      +   वान   =  दयावान
  • धन       +    वान  =  धनवान
  • धन       +   ई  =  धनी
  • गुण       +   ई  =  गुणी
  • चमक    +  ईला  =  चमकीला
  • बुद्धि      +  मान  =  बुद्धिमान
  • भारत     +  ईय   =  भारतीय

 

3.  दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से भी विशेषण बनते हैं।

जैसे-

  • दुबला + पतला      =    दुबला-पतला
  • चलता + फिरता    =     चलता-फिरता
  •  छोटा + बड़ा        =     छोटा-बड़ा
4. क्रियाओं में प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण

जैसे- 

  • पूज   (क्रिया) + अनीय (प्रत्यय)    »    पूजनीय (विशेषण )
  • पठ (क्रिया)   + नीय (प्रत्यय)       »    पठनीय ( विशेषण )
5. अव्यय में प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण

जैसे-

  • अन्दर (अव्यय)    +   ऊनी (प्रत्यय)       =   अन्दरूनी
  • बाहर  (अव्यय)     +  ई  (प्रत्यय)           =    बाहरी
6. सार्वनामिक विशेषण भी वचन और कारक के अनुसार उसी तरह रूपान्तरित होते हैं जिस तरह सर्वनाम

जैसे:-

एकवचन                        बहुवचन

  • वह बालक                वे बालक
  • उस लड़के का           उन लड़कों का

 

  • जब संज्ञा का लोप रहता है और विशेषण संज्ञा का काम करता है, तब उसका रुपान्तर विशेषण के रूप में नही, संज्ञा के रूप में होता है।
  • सामान्यतः विशेषण के साथ परसर्ग नहीं लगता, विशेष्य के साथ लगता है,
  • किन्तु संज्ञा बन जाने पर विशेषण पद के साथ परसर्ग लगता है।

जैसे-

  • उसने सुन्दरी से पूछा ।
  • विद्वानों का आदर करना चाहिए।

 

तुलनात्मक विशेषण

  • दो या अधिक वस्तुओं की विशेषताओं के मिलान को तुलना करते हैं। इस कार्य को दर्शाने वाले विशेषण को तुलनात्मक विशेषण कहते हैं
  • उच्चतम

तुलनात्मक विशेषण के प्रकार

यह तीन  प्रकार के होते हैं।

  1. मूलावस्था
  2. उत्तरावस्था
  3. उत्तमावस्था
1. मूलावस्था-
  • मूलावस्था में विशेषण का तुलनात्मक रूप नहीं होता है,
  • वह केवल सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है।

जैसे-

  • सावित्री सुन्दर लड़की है।
  • सुरेश अच्छा लड़का है ।
2. उत्तरावस्था

जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के गुण-दोषों की तुलना की जाती है तब विशेषण उत्तरावस्था में प्रयुक्त होता है।

जैसे:-

  • मोहन सोहन से अधिक बलवान है।
3. उत्तमावस्था

उत्तमावस्था में दो से अधिक व्याक्तियों एवं वस्तुओं की तुलना करके किसी एक को सबसे अधिक अथवा सबसे कम बताया जाता है।

जैसे-

  • पंजाब में अधिकतम अन्न होता है।
  • संदीप निकृष्टतम बालक है
मूलावस्था                 उत्तरावस्था            उत्तमावस्था
  • उच्च                        उच्चतर                    उच्चतम
  • निकृष्ट                      निकृष्टतर                 निकृष्टतम
  • प्रिय                        प्रियतर                     प्रियतम
  • लघु                        लघुतर                      लघुत्तम

 

विशेषण का पदान्वय

  • विशेषण के पदान्वय में भेद, लिंग, वचन, कारक और विशेष्य बताने चाहिए।

जैसे :-

  • उस पागल आदमी को इतने पैसे किसने दिये ?

उस      » सार्वनामिक (संकेतवाचक) विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक,

आदमी   »  विशेष्य है।

पागल  »  गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, आदमी का विशेषण ।

इतने   »   परिणाम वाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्मकारक,पैसे का विशेषण।

परम्परागत विशेषण

  • पत्थर के समान कठोर
  • मरकमले के समान मुलायम
  • मोर के समान सुन्दर
  • शेषनाग के समान काल
  • कोयले के समान काला
  • बन्दर के समान नकलची
  • तितली के समान भड़कीला
  • बैल के समान मेहनती
  • शहद की मक्खी के उद्योगी
  • हिटलर के समान तानाशाह
  • गाँधी के समान अहिंशावादी
  • उल्लू के समान मूर्ख
  • बच्चे के समान निष्कपट
  • हंस के समान सुन्दर
  • भूत के समान काला
  • चन्द्रमा के समान शीतल
  • आकाश के समान विशाल
  • बादलों के समान गर्जन
  • तारों के समान असंख्य
  • तोता के समान रट्टू
  • गरुण के समान तीव्रगामी
  • तुलसी के समान पवित्र
  • बरगद के समान सृष्टि
  • नारियल के समान समृद्धि
  • वायु के समान हल्का
  • बर्फ के समान ठण्डा
  • रुद्राक्ष के समान पीड़ाहरा
  • धूल के समान सुखा
  • लता के समान प्रसन्न
  • दिन के समान
  • केशर के समान पीला
  • दूध के समान सफेद
  • चींटी के समान अध्यवसायी
  • मक्खन के समान चिकना
  • केचुएँ के समान मन्दगति
  • कलश के समान जीवन
  • राम के समान मर्यादित पुरुष
  • शेर के समान साहस
  • तारकोल के समान काला
  • घोडे के समान गति
  • पत्थर के समान भारी
  • तलवार की धार के समान पैना
  • श्रवण कुमार के समान मातृ पितृ भक्त
  • चलने के समान कठिन
  • लक्ष्मण के समान भाई
  • खच्चर के समान बेठौल
  • हनुमान के समान सेवक
  • कुत्ते के समान स्वामि-भक्त
  • विभीषण के समान भेदी
  • बिल्ली के समान भूरी आंख
  • रावण के समान घमण्डी
  • सिंह के समान- साहस
  • बाघ के समान भयंकर
  • हरिश्चन्द्र के समान सत्यवादी
  • दुर्वासा के समान क्रोधी
  • दधीचिक समान आत्मबलिदानी
  • सुधिष्ठिर के समान धर्मपालक
  • भीम के समान स्थूल
  • जिराफ के समान लम्बा
  • विक्रमादित्य के समान न्यायी
  • जयचन्द्र के समान देशद्रोही
  • सुअर के समान घृणित कृत्ति
  • बृहस्पति के समान बुद्धिमान
  • बन्दर के समान नकलची
  • चाणक्य के समान कूटनीतिज्ञ
  • कौवे के समान चालाक
  • अंगद के पाँव के समान अटल
  • बिल्ली के बच्चे के समान खिलाड़ी
  • भैंसे समान मोटी
  • त्रिशुंक के समान दुविधा
  • मेढ़क के समान बेडौल
  • गीदड के समान कायर
  • खरगोश के समान डरपोक
  • बिल्लोर के समान स्वच्छ
  • लोमड़ी के समान मक्कार
  • मेनका के समान रूपमती
  • घोघे के समान मन्दगति
  • मेमने के समान सीधा
  • ध्रुव के समान अटल

सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अन्तर

सर्वनाम

  • जिस शब्द का प्रयोग’ संज्ञा’ शब्द के स्थान पर हो, उसे सर्वनाम कहते हैं।

जैसे:-

  • वह मुम्बई गया।

इस वाक्य में वह सर्वनाम है।

सार्वनामिक विशेषण

  • जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा के पूर्व अथवा बाद में विशेषण के रूप में किया गया हो, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

जैसे:-

  • वह रथ आ रहा है।

इसमें ‘वह’ शब्द ‘रथ’ का विशेषण है। अत: यह एक सार्वनामिक विशेषण है।

 

विशेषण और विशेष्य में सम्बन्ध

  • विशेषण के लिंग और वचन विशेष्य के लिंग और वचन के अनुसार होते हैं, चाहें विशेषण के पहले आये या बाद में आये ।
  • यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हो तो विशेषण के लिंग और वचन समीप वाले विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार होंगे।

वाक्य में विशेषण

विशेष्य विशेषण
  • विशेष्य के पहले आने वाले विशेषण

जैसे :- 

  • लाल घोडा दौड़ रहा है।  »      लाल (विशेषण)  घोडा (विशेष्य)
विधेय विशेषण
  • विशेष्य के बाद व क्रिया के पहले आने वाले

जैसे :- 

  • मेरी गाय सीधी है।

 

 

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