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अव्ययीभाव समास की परिभाषा
- वह समास जिसका प्रथम पद प्रधान हो उसे अव्ययीभाव समास कहलाता है
अव्ययीभाव समास अर्थ
- वे समास शब्द जिसमे प्रारम्भ में उपसर्ग लगा रहता है, अव्ययीभाव समास कहलाते है
जैसे :- प्रति, यथा, भर, नि, निर, आदि
यथा (उपसर्ग ) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- यथाशक्ति शक्ति के अनुसार
- यथासम्भव जैसा सम्भव हो
- यथासमय समय के अनुसार
- यथामति मति के अनुसार
- यथाविधि विधि के अनुसार
- यथास्थिति स्थित के अनुसार
- यथासाहस साहस के अनुसार
- यथास्थान स्थान के अनुसार
- यथाशीघ्र जितना शीघ्र हो सके
- यथोचित जितना उचित हो सके
प्रति (उपसर्ग ) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- प्रतिदिन प्रत्येक दिन
- प्रतिमास प्रत्येक मास
- प्रतिमान प्रत्येक मान
- प्रत्येक्ष आँखो के सामने
- प्रतिउत्तर तुरन्त उत्तर
- प्रतिरोध प्रति + रोध
- प्रतिपक्ष प्रति + पक्ष
- प्रतिशोध प्रति + शोध
- प्रतिकार प्रति + कार
- प्रतिक्षण प्रति + क्षण
- प्रत्येक एक – एक
- प्रतिशोध
आ (उपसर्ग ) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- आजीवन जीवन – पर्यन्त
- आमरण मरण पर्यन्त
- आजन्म जिसका जन्म ना हुआ हो
भर (उपसर्ग) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- भरपेट पेट भर कर
- भरपूर पूर्ण
- भरसक पूरी शक्ति से
बे (उपसर्ग) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- बेशक बिना शक के
- बेखटक बिना खटके
- बेअटक बिना अटके
- बेफायदा बिना फायदे के
ब (उपसर्ग) के प्रयोग से बने सामासिक शब्द
समस्त पद – अर्थ
- बकायदा कायदे के अनुसार
- बखुब ख़ूबी के साथ
कुछ अन्य अव्ययीभाव समास के उदाहरण
- हरऱोज ऱोज ऱोज
- बीचों-बीच बिलकुल बीच में
- हाथों-हाथ एक हाथ से दुसरे हाथ में
- रातों-रात रात ही रात में
- घर-घर हर घर
- निडर बिना किसी डर के
- निधडक
- अनजाने जाने बिना
- आज्ञानुसार आज्ञा के अनुसार
नत्र समास
- इसमें नहीं का बोध होता है
जैसे :-
- अनपढ़
- अनजान
- अज्ञान