Home | Telegram | Facebook Page
- भारत में संघीय शासन व्यवस्था को कनाडा के संविधान से लिया गया है
संघ सरकार | भारतीय संविधान का भाग 5
- भारतीय संघ सरकार को संविधान के भाग 5 अन्तर्गत रखा गया है
- भारतीय संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 52 से अनुच्छेद 151 तक शामिल है
अनुच्छेद 52
- केन्द्र सरकार (संघ सरकार) का एक राष्ट्रपति होगा
अनुच्छेद 53
- संघ सरकार की कार्यपालिका सम्बन्धी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी
अनुच्छेद 54
- राष्ट्रपति का निर्वाचन
- राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष एकल संक्रमणीय अनुपातिक गुप्त मतदान प्रणाली
अनुच्छेद 55
- राष्ट्रपति का कोटा
अनुच्छेद 56
राष्ट्रपति का कार्यकाल
- राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है
अनुच्छेद 57
- राष्ट्रपति का पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
अनुच्छेद 58
- राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए योग्यता
अनुच्छेद 59
- राष्ट्रपति पद के लिए शर्ते
अनुच्छेद 60
राष्ट्रपति की शपथ
- राष्ट्रपति को शपथ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीस द्वारा दिलाया जाता है
अनुच्छेद 61
- राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया
अनुच्छेद 62
राष्ट्रपति रिक्त पद
- राष्ट्रपति का पद छ: माह से अधिक रिक्त नही हो सकता
- छ: माह के भीतर निर्वाचन करना अनिवार्य है
उपराष्ट्रपति
अनुच्छेद 63
- भारत का उपराष्ट्रपति
अनुच्छेद 64
- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होगा
अनुच्छेद 65
- राष्ट्रपति के पद की रिक्त पर उप राष्ट्रपति के कार्य
अनुच्छेद 66
- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 67
- उपराष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 68
- उप राष्ट्रपति के पद की रिक्त पद भरने के लिए निर्वाचन
अनुच्छेद 69
- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ
अनुच्छेद 70
- अन्य आकस्मिकता में वह राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेगा
अनुच्छेद 71
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित विवाद की सुनवाई सर्वोच्च में होगा
अनुच्छेद 72
- क्षमादान की शक्ति
अनुच्छेद 73
- संघ (केन्द्र) की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
अनुच्छेद 74
- भारत में एक मंत्री परिषद (Council of Ministers) होगा जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री (Prime Minister) होगा
- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्री परिषद होगा
- राष्ट्रपति मंत्री परिषद सलाह मानने के लिए बाध्य होगा
मंत्री परिषद
- मंत्री परिषद का सदस्य बनने के लिए लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना आवश्यक है
- यदि मंत्री परिषद का सदस्य बनाये गये है तो छ:माह के भीतर संसद (लोकसभा या राज्यसभा) की सदस्यता प्राप्त करनी होगी
- मंत्री परिषद का आकार लोकसभा के कुल सीटों का 15 % से अधिक नही हो सकता
अनुच्छेद 75
- प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा अन्य मंत्रियों की न्युक्ति की जाती है
मंत्रिपरिषद
- मंत्री परिषद में सभी मंत्री होते है
- कैबिनेट मंत्री
- राजमंत्री स्वतंत्र प्रभार
- राजमंत्री
- उपमंत्री
मंत्रिमंडल
- मंत्रिमंडल का कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त होता है
- राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के सलाह पर मंत्रिमंडल के विभागों की बटवारा करता है
- मंत्रिमंडल के सदस्यों का पद एवं गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाति है
- मंत्रिमंडल में तीन प्रकारके मंत्री होते है
- उच्च स्तरीय फैसले मंत्रिमंडल द्वारा किये जाते है
- मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते है
- प्रधानमंत्री
- कैबिनेट मंत्री
- राजमंत्री स्वतंत्र प्रभार
अनुच्छेद 76
- केन्द्र सरकार को विधिक (क़ानूनी) सलाह देने के लिए भारत का एक महान्यायवादी होगा
अनुच्छेद 77
- केन्द्र सरकार के कार्य का संचालन मंत्रिमंडल के सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है
अनुच्छेद 78
- प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक और मामलों तथा मंत्री परिषद के निर्णयों के सम्बन्ध में राष्ट्रपति को सुचना देगा यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सुचना प्राप्त करना आवश्यक समझें
अनुच्छेद 79
- संसद का प्रावधान
अनुच्छेद 80
- राज्यसभा का प्रावधान
अनुच्छेद 81
- लोकसभा का प्रावधान
अनुच्छेद 82
- जनगणना के बाद लोकसभा एवं राज्यसभा के सीटों का समायोजन
- 10 लाख की जनसंख्या पर 1 सांसद हो चाहिए
- वर्तमान में सीटों की संख्या 1971 के जनगणना पर आधारित है
- सीटों को 2026 तक बढ़ाया नही जा सकता
अनुच्छेद 83
संसद के सदनो का कार्यकाल
- लोकसभा सदन की कार्यकाल पांच वर्ष
- राज्यसभा सदन की कार्यकाल अनन्त है
अनुच्छेद 84
संसद के सदस्यों की योग्यता
- वह भारत का नागरिक हो
- वह पागल या दिवालिया ना हो
- वह निर्वाचन आयोग नियमावली का पालन करता हो
- वह लाभ के पद पर ना हो
अनुच्छेद 85
संसद के सत्र
- संसद में तीन प्रकार के सत्र होते है
- संसद के किन्ही दो सत्रों के बीच समय अन्तराल छ: माह से अधिक नही हो सकता
- जब संसद सत्र में नही होती हो इसे विश्राम काल कहते है
- विश्रामकाल में आवश्यकता पढने पर राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश लाया जा सकता है
- राष्ट्रपति द्वारा संसदीय सत्र की आहुति करना अर्थात सत्र को बुलाना
- राष्ट्रपति द्वारा सत्रावसान करना अर्थात सत्र की समाप्ति
- सदन के सभापति(लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा अध्यक्ष ) द्वारा सत्र का स्थगन करना अर्थात सदन की कार्यवही हो रोकना
- बजट सत्र
- मानसून सत्र
- शीतकालीन सत्र
अनुच्छेद 86
- राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण ⇒ जब राष्ट्रपति लोकसभा में प्रत्येक वर्ष में संसद की पहली बैठक में भाषण देते है तो उसे अभिभाषण कहा जाता है
- राष्ट्रपति द्वारा सांसदों को सन्देश भेजने का अधिकार
अनुच्छेद 87
- राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण ⇒ जब राष्ट्रपति संयुक्त रूप से लोकसभा और राज्यसभा में नई निर्वाचित लोकसभा के समक्ष भाषण देते है तो उसे विशेष अभिभाषण कहते है
अनुच्छेद 88
- मंत्रियों सदन की कारवाही में भाग ले सकता है परन्तु वह मत केवल उसी सदन में दे सकता है जिस सदन का वह सदस्य हो
- महानयायवादी किसी भी सदन का सदस्य नही है लेकिन दोनों सदन के कारवाही में भाग ले सकता है परन्तु मत देने का अधिकार उसे नही प्राप्त है
अनुच्छेद 89
राज्यसभा के सभापति और उपसभापति
- सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार प्राप्त है
- सभापति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नही होता
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है
- उप सभापति का राज्यसभा का सदस्य होता है
अनुच्छेद 90
- उपसभापति का पद रिक्त होना या पद हटाया जाना
अनुच्छेद 91
- सभापति के कर्तव्यों का पालन और शक्तियों का प्रावधान
अनुच्छेद 92
सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का प्रावधान
संकल्प विचाराधीन हो तब उसका पीठासीन ना होना
अनुच्छेद 93
- लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का प्रावधान है
अनुच्छेद 94
लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना
अनुच्छेद 95
- लोकसभा अध्यक्ष की शक्तियां एवं कर्तव्य
अनुच्छेद 96
अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प हो तब
उसका पीठासीन ना होना
अनुच्छेद 97
सभापति उपसभापति तथा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
अनुच्छेद 98
संसद का सविचालय
अनुच्छेद 99
सदस्य द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 101
- संसद के रिक्त पद
अनुच्छेद 102
- संसद की अयोग्यता
अनुच्छेद 108
- राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाता है
- संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है
नोट:- अब तीन संयुक्त अधिवेशन बुलाया गया है
- 1961 दहेज उन्मूलन कानून का निर्माण
- 1978 बैंको का राष्ट्रीयकरण किया गया था
- 2002 POTA (Protection of Terriusm Act) कानून का निर्माण किया गया
अनुत्छेद 109
- धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया
अनुच्छेद 110
- धन विधेयक की परिभाषा
अनुच्छेद 111
- किसी विधेयक पर राष्ट्रपति की अनुमति अर्थात वीटो शक्तियां
अनुच्छेद 112
- वार्षिक वित्तीय विवरण अर्थात बजट का प्रावधान
- भारत में बजट प्रस्तुत करने का अधिकार राष्ट्रपति को है
अनुच्छेद 113
- प्रक्ल्लन(Estimate) बनाने का प्रावधान है
अनुच्छेद 114
- विनियोग विधेयक का प्रावधान
अनुच्छेद 115
- अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान
अनुच्छेद 116
- लेखानुदान का प्रावधान
अनुच्छेद 117
- वित्त विधेयक का प्रावधान
अनुच्छेद 118
- संसदीय प्रक्रिया या नियम या समितियां
अनुच्छेद 120
- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा का प्रावधान है
- हिन्दी या अंग्रेजी
- यदि कोई सदस्य किसी अन्य भाषा का प्रयोग करना चाहता है तो उसे लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी
अनुच्छेद 121
- संसदीय कार्यो में सर्वोच्च न्यायलय हस्ताक्षेप नही कर सकता
- सर्वोच्च न्यायालय के कार्यो में संसद में हस्ताक्षेप नही हो सकता
अनुच्छेद 122
- सर्वोच्च न्यायलय संसद में पारित विधेयक की समीक्षा कर सकती है
अनुच्छेद 123
- जब संसद का सत्र नही चल रहा है तो राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश लाया जा सकता है
- यह अध्यादेश छ: माह के भीतर संसद में पारित हो आवश्यक है यदि छ: माह में पारित नही हुआ तो विधयेक समाप्त हो जाता है
- अध्यादेश की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है
अनुच्छेद 124
- उच्चतम न्यायालय की स्थापना का प्रावधान है
अनुच्छेद 125
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन भत्ते
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में संसद हानिकारक परिवर्तन नही कर सकती है
अनुच्छेद 126
- कार्यवाहक मुख्य न्यायधीस की नियुक्ति
अनुच्छेद 127
- तदर्थ न्यायधीस की नियुक्ति
अनुच्छेद 128
- आवश्यकता पड़ने पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की न्युक्ति की जा सकती है
अनुच्छेद 129
- सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायलय है
अनुच्छेद 130
- उच्चतम न्यायालय का मुख्यालय नई दिल्ली
अनुच्छेद 131
- सर्वोच्च न्यायालय की मूल अधिकारिता
अनुच्छेद 137
- अपने निर्णय की समीक्षा
अनुच्छेद 143
- राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेने का अधिकार
अनुच्छेद144
सिविल एवं न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता
अनुच्छेद 148
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा
अनुच्छेद 149
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की शक्तियां
अनुच्छेद 150
- संघ के राज्यों के लेखन का प्रारूप
अनुच्छेद 151
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा केन्द्र सरकार के रिपोर्ट को राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जायेगा
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा राज्य सरकार के रिपोर्ट को राज्यपाल के समक्ष पेश किया जायेगा